नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)। नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. के. धोवन ने बुधवार को कहा कि अगले वर्ष विशाखापत्तनम में प्रस्तावित अंतर्राष्ट्रीय फ्लीट रीव्यू में चीन और इजरायल सहित 50 से अधिक देश हिस्सा ले सकते हैं, लेकिन पाकिस्तान ने अभी तक इस संबंध में भारत के निमंत्रण का कोई सकारात्मक जवाब नहीं दिया है।
अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि भारत का अत्याधुनिक घरेलू तकनीक से निर्मित परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत इसमें हिस्सा लेगी या नहीं, क्योंकि यह अभी भी परीक्षण से गुजर रही है।
धोवन ने यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पड़ोसी देशों को वहां स्थित भारतीय मिशनों के जरिए संदेश भेज दिया गया है।
धोवन ने, “हमने विदेशों में स्थित मिशनों के जरिए सूचना भेजी थी। पीएलए (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) की नौसेना एक पोत और प्रतिनिधिमंडल के साथ हिस्सा ले सकती है।”
पाकिस्तान के बारे में उन्होंने कहा, “भारतीय उच्चायोग ने हमें बताया कि उन्हें कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला है।”
यह पूछे जाने पर कि क्या आईएनएस अरिहंत रीव्यू में हिस्सा लेगी, एडमिरल धोवन ने कहा, “पनडुब्बी वहां होगी, लेकिन हमें अभी देखना है कि अरिहंत हिस्सा लेने में सक्षम हो पाएगी या नहीं।”
धोवन ने कहा कि अभी तक 46 देशों ने अपनी हिस्सेदारी की पुष्टि कर दी है, लेकिन यह विभिन्न रूपों में हो सकती है।
रीव्यू में हिस्सा ले रहे देश पोत, प्रतिनिधिमंडल, या अपने नौसेना प्रमुखों को भेज सकते हैं।
फिलहाल उम्मीद है कि लगभग 90 पोत रीव्यू में हिस्सा लेंगे।
एडमिरल धोवन ने यह भी कहा कि विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत रीव्यू में हिस्सा लेगा, और 2016 में इसे सेवामुक्त किया जा सकता है।
आईएफआर भारतीय नौसेना के पूर्वी कमान के मुख्यालय विशाखापत्तनम में चार फरवरी से आठ फरवरी, 2016 तक आयोजित होगा।
नौसेना प्रमुख ने कहा, “अंतर्राष्ट्रीय फ्लीट रीव्यू के दौरान दुनिया की नौसेनाएं दोस्ती के रिश्ते को मजबूत करने के लिए विशाखापत्तनम में एकसाथ जुटेंगी। हम भूगोल के जरिए अलग हो सकते हैं, लेकिन महासागरों के जरिए हम निश्चितरूप से एकजुट हैं।”
आईएफआर का शुभंकर डॉल्फिन होगी।