प्रतिमा सिंह ने कहा कि आज भारतीय शिक्षा के साथ छेड़छाड़ करके देश की जनता को गुमराह करने का जो कुत्सित प्रयास किया जा रहा है, उसे इस देश की जागरूक जनता स्वीकार करने वाली नहीं है। यह देश संस्कारों से ओतप्रोत एवं विविध धर्म एवं मजहबों का गुलदस्ता है। इसके साथ छेड़छाड़ करने का प्रयास स्मृति नहीं करें, तो अच्छा है।
उन्होंने राष्ट्र दर्शन के सही स्वरूप को उजागर करते हुए कहा कि भारत की स्वतंत्रता में योगदान देने वाले सभी महापुरुषों को आदर देना अतिआवश्यक है, क्योंकि उसके बिना राष्ट्र दर्शन अधूरा है। भारत विविधताओं का देश है, इसलिए शिक्षा मंत्री जी को भारतीय इतिहास एवं भारतीय शिक्षा के स्वरूप को बदले जाने के कुचक्र को अविलंब रोक देना चाहिए।
प्रतिमा ने स्मृति को चेतावनी देते हुए कहा, “यदि आपने इस कुत्सित प्रयास को अमली जामा पहनाने की कोशिश की तो महिला कांग्रेस इसका पुरजोर विरोध करेगी, चाहे इसके लिए स्कूलों और कालेजों में गोष्ठियों को माध्यम क्यों न बनाना पड़े।”
प्रतिमा सिंह ने कहा, “स्मृति ईरानी जी, आपकी पार्टी द्वारा जो चुनावी वादे किए गए थे, उन्हें पूरा करने की बजाय जनता का ध्यान भटकाने के लिए नित्य नए-नए जुमलों को पेश करने में जरा सी भी शर्मिदगी नहीं आती। यदि आपमें मानवता कहीं भी शेष बची है तो तत्काल अपने चुनावी वादों का दर्शन करना सुनिश्चित करें और अपनी भ्रामक नीतियों में जनता को फंसाने की प्रवृत्ति का समापन कर दें। इसी में आपकी भलाई है।”