नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (आईएएनएस)। दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री वी.के. सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। लेकिन, दिल्ली पुलिस ने पूर्व सेनाध्यक्ष सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं की। आम आदमी पार्टी हरियाणा के एक गांव में दलितों की हत्या पर सिंह के विवादास्पद बयान की वजह से उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराना चाहती थी।
आप के एक प्रतिनिधिमंडल ने करोलबाग में सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) एस. सर्वानन से मुलाकात की और विदेश राज्यमंत्री जनरल वी.के.सिंह के खिलाफ अनुसूचित जाति और जनजाति अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज करने का आग्रह किया।
पार्टी नेता आशुतोष ने कहा, “हमने उनसे (एसीपी) मामला दर्ज करने को कहा। उन्होंने कहा कि इसके लिए डीसीपी की इजाजत लेनी होगी। अफसर ने कहा कि वह पहले जांच करेंगे और उसके बाद मामला दर्ज करने के लिए डीसीपी से इजाजत लेंगे।”
आशुतोष ने कहा, “पुलिस ने सिंह के खिलाफ हमारी शिकायत ले ली।”
दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि सिंह के खिलाफ एक शिकायत मिली है।
हरियाणा के फरीदाबाद जिले के सुनपेड़ गांव में आग लगाकर दो बच्चों की हत्या कर दिए जाने के मामले में देश के पूर्व सेनाध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री सिंह ने कहा था कि हर घटना के लिए सरकार जिम्मेदार नहीं होती। कोई कुत्ते को पत्थर मार दे तो क्या इसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी?
उनके इस अटपटे बयान पर हंगामे के बाद सिंह ने माफी मांग ली है। फिर भी विपक्ष ने उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त करने की मांग की है।
आशुतोष ने कहा कि पूर्व सेनाध्यक्ष सिंह का माफी मांगना भी राजनीति से प्रेरित है।
उन्होंने कहा, “सिंह ने दिल से माफी नहीं मांगी है। जब जीतन राम मांझी (बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री) ने माफी मांगने को कहा, तब मांगी। उन्होंने इस बयान से बिहार चुनाव में अपनी पार्टी को नुकसान होते देख माफी मांगी है।”
आशुतोष ने कहा कि दलित बच्चों की मौत पर बात करने के दौरान सिंह शिष्टाचार और संवेदनहीनता की सभी सीमाएं लांघ गए।
उन्होंने कहा, “सिंह के कैबिनेट में बने रहने का कोई मतलब नहीं है। उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए। हमने केंद्र सरकार की ‘दिल्ली पुलिस’ से अनुरोध किया है कि वह सिंह की हैसियत को न देखे, बल्कि जनभावना का ख्याल करते हुए सिंह के खिलाफ कार्रवाई करे।”