नई दिल्ली, 27 मई (आईएएनएस)। देश के आयकर विभाग ने शुक्रवार को विवादास्पद सामान्य परिवर्जन रोधी नियम (जनरल एंटी एवॉयडेंस रूल या गार) पर हितधारकों की राय आमंत्रित की है।
वित्त मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक, “कई हितधारकों और उद्योग संघों ने कहा है कि गार के कार्यान्वयन संबंधी दिशानिर्देश जारी किए जाएं, ताकि इस बारे में समुचित स्पष्टता पैदा हो।” बयान के अनुसार राय भेजने की अंतिम थिति 30 जून है।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने 2016-17 के अपने बजट में कहा था कि गार अप्रैल 2017 से लागू किया जाएगा। इसके एक साल पहले उन्होंने इसके लागू करने की तिथि को दो साल आगे बढ़ा दी थी। गार पहले कानून का हिस्सा था।
गार का प्रस्ताव 2012-13 के बजट में कर चोरी रोकने के लिए लाया गया था। इस पर देश-विदेश के निवेशकों ने तीखी आपत्ति दर्ज करते हुए कहा था कि कर विभाग के अधिकारी इसका उपयोग उनका उत्पीड़न करने में कर सकते हैं।
गार मूल्यांकन वर्ष 2018-19 से या वित्त वर्ष 2017-18 से प्रभावी होगा।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने हितधारकों को अपनी राय भेजते समय काल्पनिक स्थिति का हवाला देने से बचने का आग्रह किया है।