परीक्षा केंद्रों के बाहर सुबह 6 बजे से ही परीक्षार्थियों का जमघट लगना शुरू हो गया था। सभी परीक्षार्थियों की तलाशी के लिए विशेष सख्ती की गई थी। महिला परीक्षार्थियों के लिए तलाशी की अलग व्यवस्था की गई थी।
तलाशी में किसी भी प्रकार का कागज, कैलुलेटर मोबाइल आदि वस्तुएं ले जाने पर भी रोक लगी रही। परीक्षा केंद्रों के आसपास फोटो कॉपी की सभी दुकानें बंद करा दी गईं। केंद्रों के बाहर डटे परीक्षार्थियों के परिजनों को भी पुलिस ने हटा दिया।
जिलाधिकारी सतेंद्र कुमार, पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी एक साथ परीक्षा का निरीक्षण करते रहे। निरीक्षण के दौरान जब तहसीलदार राजेंद्र चौधरी एनएकेपी डिग्री कालेज में पंहुचे तो उन्हें मीरपुर (कायमगंज) निवासी अजय देव सिंह के प्रवेशपत्र लेकर आए एक युवक को तहसीलदार ने दबोच लिया। उसके प्रवेशपत्र पर किसी और की फोटो लगी थी।
उन्होंने पाया कि बरखिड़िया निवासी राहुल के प्रवेशपत्र पर हस्ताक्षर सही नहीं थे। दोनों को तहसीलदार सदर ने परीक्षा में बैठने से मना कर दिया।
इसी तरह फतेहगढ़ के जीजीआईसी में योगेश कुमार के प्रवेशपत्र पर लगी फोटो उससे नहीं मिली। अधिकारियों ने उसे भी परीक्षा नहीं देने दी।
योगेश ने बताया कि उसके भाई ने फार्म भरा था, जिस कारण यह गड़बड़ी हुई।