वाशिंगटन, 27 अप्रैल (आईएएनएस)। अमेरिका के एक खोजी पत्रकार ने कहा है कि पाकिस्तान ने ओसामा बिन लादेन तक पहुंचने में अमेरिका की मदद की थी।
वाशिंगटन, 27 अप्रैल (आईएएनएस)। अमेरिका के एक खोजी पत्रकार ने कहा है कि पाकिस्तान ने ओसामा बिन लादेन तक पहुंचने में अमेरिका की मदद की थी।
पुलित्जर पुरस्कार विजेता पत्रकार सेमोर हेर्ष से मंगलवार को पूछा गया कि क्या वह मानते हैं कि पाकिस्तान ने अलकायदा के संस्थापक ओसामा बिन लादेन तक पहुंचने में अमेरिका की मदद की थी? इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘पहले से कहीं ज्यादा।’
पिछले साल जब हेर्ष ने अपने एक लेख में यह दावा किया था तो ह्वाइट हाउस ने उसे गलत कहकर खारिज कर दिया था। अमेरिकी मीडिया के अधिकांश संस्थानों ने भी उनके दावे को ‘सही नहीं’ कहकर खारिज कर दिया था।
डॉन ऑनलाइन की खबर के अनुसार, हेर्ष ने इसी हफ्ते प्रकाशित हुई नई पुस्तक ‘द किलिंग ऑफ ओसामा बिन लादेन’ में अपने दावे पर जोर देते हुए कहा कि वह सही थे।
हेर्ष ने कहा कि पिछले साल से उनका विश्वास और मजबूत हुआ है क्योंकि पत्रकारों को नए सबूत मिले हैं। बिन लादेन अपने परिसर में किस तरह पाया गया, इसका अमेरिकी अधिकारियों का ब्योरा धोखे से भरा हुआ है।
हेर्ष का कहना है कि पाकिस्तान ने लादेन को वर्ष 2006 में ही पकड़ कर कैदी बना लिया था। इसमें सऊदी अरब का भी समर्थन था।
अमेरिका और पाकिस्तान में समझौता हुआ कि अमेरिका लादेन के परिसर में छापा मारेगा लेकिन ऐसा लगेगा कि पाकिस्तान को इसके बारे में जानकारी नहीं है।
हेर्ष का कहना है कि भारत की वजह से पाकिस्तान लगातार सतर्क रहता है। उसके राडार नजर रखते हैं, लड़ाकू विमान एफ 16 हमेशा तैयार रहते हैं। हेर्ष का तर्क है कि पाकिस्तानियों को सतर्क किए बगैर हेलीकॉप्टरों का एबटाबाद में (जहां बिन लादेन मारा गया था) प्रवेश करना संभव नहीं था।
पुलित्जर पुरस्कार विजेता का कहना है कि पाकिस्तानी एयर डिफेंस कमान के प्रमुख तब बहुत व्यथित थे। वह बात सार्वजनिक करने को तैयार थे।
उन्होंने कहा, “मुझे जो मालूम है वह यह है कि वर्ष 2010 के अगस्त में एक पाकिस्तानी कर्नल हमारे दूतावास में आया था। वह अमेरिकी खुफिया एजेंसी कार्यालय के तत्कालीन प्रमुख जोनाथन बैंक के पास गया और कहा, बिन लादेन हमारे पास पिछले चार साल से है।
पाकिस्तानी खुफिया ने बिन लादेन को हिंदू कुश इलाके से उठाया था। एबटाबाद में एक परिसर बनाकर उसमें उसे रखा था।