श्रीनगर, 9 दिसम्बर (आईएएनएस)। अलगाववादी कश्मीरी नेता मुहम्मद यासीन मलिक ने बुधवार को कहा कि भारत सरकार जम्मू एवं कश्मीर में अलगाववादी नेताओं को राजनैतिक अवसरों से वंचित कर रही है। इसके खतरनाक नतीजे होंगे।
श्रीनगर, 9 दिसम्बर (आईएएनएस)। अलगाववादी कश्मीरी नेता मुहम्मद यासीन मलिक ने बुधवार को कहा कि भारत सरकार जम्मू एवं कश्मीर में अलगाववादी नेताओं को राजनैतिक अवसरों से वंचित कर रही है। इसके खतरनाक नतीजे होंगे।
30 घंटे की भूख हड़ताल शुरू करने के मौके पर मलिक ने कहा, ” भारत सरकार ने कश्मीर में असंतोष व्यक्त करने के अवसरों को बंद कर दिया है। यह कश्मीरी युवाओं को फिर से सशस्त्र संघर्ष की तरफ ढकेल सकता है। यह संघर्ष 1990 के दशक से बड़ा हो सकता है। “
जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के अध्यक्ष यासीन मलिक ने कहा कि आंदोलनकारी युवाओं और उनके परिजनों के साथ पुलिस बेहद बुरा सलूक कर रही है। इस वजह से स्थिति और बिगड़ सकती है।
उन्होंने कहा, “रात में कहीं भी कभी भी पड़ने वाले छापों में युवाओं को गिरफ्तार किया जा रहा है। उन पर हिरासत में जुल्म किया जा रहा है और उनके घरवालों को अपमानित किया जा रहा है।”
उन्होंने कहा, “पुलिस शांतिपूर्ण प्रदर्शनों पर भी गोली, आंसूगैस छोड़ रही है। वे (सरकार) युवाओं को अपना असंतोष जताने का कोई मौका नहीं दे रहे हैं। यह युवाओं को फिर से बंदूक उठाने पर मजबूर कर देगा।”
उन्होंने कहा कि उनकी भूख हड़ताल “कश्मीर के अहिंसक लोकतांत्रिक आंदोलन को बचाने के लिए है।”
उन्होंने कहा कि 2008 से कश्मीर आंदोलन हिंसक से अहिंसक हुआ है। लेकिन, इस शांतिपूर्ण बदलाव को मानकर लोगों के मसले हल करने के बजाए सरकार उन्हें और दबा रही है।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की पाकिस्तान यात्रा पर उन्होंने कहा कि शांति प्रक्रिया का तब तक नतीजा नहीं निकलेगा जब तक इसमें कश्मीरियों को शामिल नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सुषमा की यात्रा अमेरिका और अन्य शक्तियों के कहने पर हो रही है।