नई दिल्ली, 18 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा पुनरुद्घार मंत्री नितिन गडकरी ने यहां मंगलवार को कहा कि संसद के अगले सत्र में गंगा संरक्षण पर कानून लाया जाएगा। वह जल जन जोड़ो अभियान की ओर से आयोजित सम्मेलन के समापन समारोह में बोल रहे थे।
अभियान की तरफ से जारी बयान के अनुसार, गडकरी ने जी. डी. अग्रवाल से आमरण अनशन खत्म करने का आग्रह भी किया। अग्रवाल 89 दिनों से हरिद्वार में अनशनरत हैं।
गडकरी ने कहा, “गंगा की अविरलता एवं निर्मलता के लिए सरकार 25,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी। गंगा के सभी राज्यों में पुनर्जीवन की योजनाएं चल रही हैं, जिनमें से 70 फीसदी योजनाएं पूरी हो चुकी हैं।”
गडकरी ने कहा, “गंगा पर विधेयक लाने के लिए संबंधित नौ विभागों की रपट आ गई है, वन एवं पर्यावरण विभाग की रपट आनी बाकी है। रपट आते ही विधेयक का प्रारूप केन्द्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा और अगले सत्र में उसे संसद में पेश किया जाएगा।”
उन्होंने कहा, “अब गंगा की सहायक नदियों की अविरलता का काम भी तेजी से शुरू करने के लिए डीपीआर बना लिए गए हैं। सरकार अब गंगा पर नई परियोजनाएं नहीं लगाएगी। सर्वोच्च न्यायालय एवं हरित न्यायाधिकरण की अनुपालना करनी पड़ रही है।”
गडकरी ने कहा कि जी.डी. अग्रवाल की जान समाज और देश के लिए जरूरी है, जिन्हें बचाने के लिए सरकार भरसक प्रयास कर रही है।
बयान के अनुसार, इस मौके पर जल कार्यकर्ता राजेन्द्र सिंह ने कहा, “तीन दिनों तक चले इस गंगा सम्मेलन में गंगा के लिए बनाए जा रहे कानून के विविध पक्षों पर चर्चा हुई है। गंगा के लिए जो कानून बने, उसमें प्रो. जी.डी. अग्रवाल के सुझावों को विशेष महत्व दिया जाए।”
सिंह ने प्रो. अग्रवाल की जान बचाने के लिए सरकार की तरफ से गडकरी की गई पहल की सराहना की।
अभियान के संयोजक संजय सिह ने तीन दिवसीय इस सम्मेलन की रपट प्रस्तुत की और प्रो. अग्रवाल के प्राण बचाने के लिए देश भर में चलाए जा रहे जन अभियानों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया।