अहमदाबाद, 17 जून (आईएएनएस)। गुजरात में एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को 2002 के गुलबर्ग सोसाइटी जनसंहार कांड में 24 दोषियों में से 11 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। रोंगटे खड़े कर देने वाली इस घटना में कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी सहित 69 लोग बेमौत मारे गए थे।
अहमदाबाद, 17 जून (आईएएनएस)। गुजरात में एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को 2002 के गुलबर्ग सोसाइटी जनसंहार कांड में 24 दोषियों में से 11 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। रोंगटे खड़े कर देने वाली इस घटना में कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी सहित 69 लोग बेमौत मारे गए थे।
एक दोषी को 10 साल और 12 अन्य दोषियों को सात साल के कारावास की सजा सुनाई गई है।
विशेष जांच टीम (एसआईटी) की अदालत ने इस माह की शुरुआत में गुलबर्ग सोसाइटी में आगजनी, तोड़फोड़ करने एवं बेगुनाह लोगों की जान लेने के मामले में 66 आरोपियों में से 24 को दोषी ठहराया था। बाकी बचे 42 आरोपियों में 36 को बरी कर दिया गया था, जबकि बाकी बचे छह आरोपियों की मामले की सुनवाई के बीच में ही मौत हो गई थी। मामले में सजा की घोषणा दो बार टल चुकी थी।
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त एसआईटी का प्रतिनिधित्व कर रहे अभियोजन पक्ष ने सभी 24 दोषियों के लिए मृत्युदंड या आजीवन कारावास की मांग की थी।
गुलबर्ग सोसाइटी जनसंहार कांड एक दिन पहले गोधरा के करीब साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के एक कोच को आग लगाए जाने की वीभत्स घटना का परिणाम था, जिसमें 58 लोग ट्रेन में जिंदा जल गए।
इस घटना के एक दिन बाद 28 फरवरी, 2002 को हजारों लोगों की भीड़ ने चमनपुरा इलाके में स्थित गुलबर्ग हाउसिंग सोसाइटी पर हमला किया और इसके 69 बांशिदों को मौत के घाट उतार दिया था। सोसाइटी में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग रहते थे।