Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 घर की कमी दूर करने के लिए नीतियों का विलय करे केंद्र : एसोचैम | dharmpath.com

Monday , 5 May 2025

Home » व्यापार » घर की कमी दूर करने के लिए नीतियों का विलय करे केंद्र : एसोचैम

घर की कमी दूर करने के लिए नीतियों का विलय करे केंद्र : एसोचैम

नई दिल्ली, 28 अगस्त (आईएएनएस)। उद्योग संस्था एसोसिएटेड चेंबर्स ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) ने रविवार को केंद्र सरकार से आग्रह किया कि देश में घर की कमी के मुद्दे के समाधान के लिए वह विभिन्न आवासीय नीतियों का विलय कर एक नीति बना दे।

(एसोचैम) ने एक बयान में बताया कि ‘अफोर्डेबल हाउसिंग फाइनांस इन इंडिया’ नाम की रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री जनधन योजना (पीएमजेडीवाई) का इस्तेमाल खाताधारियों को आवास ऋण उपलब्ध कराने के लिए किया जाना चाहिए। ऐसा करने से इस योजना का लाभ सीधे उस वर्ग को होगा जिसकी तरफ यह लक्षित है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि आर्थिक रूप से कमजोर एवं निम्न आय वर्ग श्रेणी को आम तौर पर कई कारणों से कर्ज नहीं मिलता है।

इसके अलावा इस श्रेणी की आय या तो पूरे साल में असमान होती है या कर्ज लौटाने की दृष्टि से बहुत कम होती है।

उद्योग चेंबर ने कहा है कि खरीदे जाने में समर्थ आवास लगातार कई कारणों से एक चुनौती बनते जा रहे हैं। जमीन की कीमत और उपलब्धता, खरीदने जा सकने वाले आवास की परिभाषा की व्यावहारिकता, स्वीकृति के लिए जटिल नियामक प्रक्रिया आदि इसके कारण हैं।

अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया है कि कम कीमत के आवास के लिए मानदंड को शिथिल करने से आवास ऋण उपलब्ध कराने वाले बाजार को व्यापक लाभ मिल सकता है। उदाहरण के तौर पर, कर्ज लेने के लिए पहचान के तौर पर आधार कार्ड को स्वीकार्य बनाया जाए।

अर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और निम्न आय वर्ग श्रेणी को आवास ऋण कम ब्याजदर पर उपलब्ध कराने से बाजार में आवास की बिक्री बढ़ेगी और इससे अंतत: खरीददार को लाभ होगा।

एसोचैम ने कहा है, “परियोजना को मंजूरी देने के लिए एकल खिड़की व्यवस्था से लागत और मंजूरी में लगने वाले समय में कमी आएगी और यह वक्त की जरूरत है। 40 अलग-अलग विभागों से स्वीकृति लेने में औसतन तीन साल तक लग जाते हैं। इसमें राजस्व, आग, विमानन प्राधिकरण और अन्य विभाग शामिल हैं।

रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि अभी नीतियों में निश्चित मंजूरी की प्रक्रिया का अभाव है। इसके अलावा कम कीमत के आवास की परियोजनाओं के लिए भूमि का प्रावधान एवं आवासीय परियोजना को विकसित करने वालों के लिए उस भूमि को खरीदने के लिए पैसे की व्यवस्था का भी अभाव है। उद्योग चेंबर ने कहा है कि सरकार को सक्रिय होकर इस क्षेत्र के अवरोध को हटाने के लिए काम करना चाहिए ताकि निजी क्षेत्र की इसमें और भागीदारी हो सके।

घर की कमी दूर करने के लिए नीतियों का विलय करे केंद्र : एसोचैम Reviewed by on . नई दिल्ली, 28 अगस्त (आईएएनएस)। उद्योग संस्था एसोसिएटेड चेंबर्स ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) ने रविवार को केंद्र सरकार से आग्रह किया कि देश में घर नई दिल्ली, 28 अगस्त (आईएएनएस)। उद्योग संस्था एसोसिएटेड चेंबर्स ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) ने रविवार को केंद्र सरकार से आग्रह किया कि देश में घर Rating:
scroll to top