बरलोटा ने कहा कि उन्होंने अपना इस्तीफा संरक्षक रमेश मोदी को भेज दिया है। उनके नीचे के पदाधिकारी उन्हें काम नहीं करने दे रहे थे। वे मनमानी कर रहे थे। चेक तक पास नहीं किया जा रहा था। इससे मुक्ति पाने के लिए उन्होंने क्षमायाचना के साथ अपना त्यागपत्र दे दिया।
चेंबर ऑफ कॉमर्स का चुनाव पिछले साल 17 दिसंबर को मतदान के जरिए हुआ था। इस चुनाव में जिसमें बरलोटा अध्यक्ष चुने गए थे। पदाधिकारियों का कार्यकाल 3 साल का होता है, लेकिन बरलोटा ने 9 महीने में ही इस्तीफा दे दिया।
चेंबर ऑफ कॉमर्स के संरक्षक व पंच कमेटी के सदस्य रहे रमेश मोदी ने कहा कि उन्हें फिलहाल बरलोटा का इस्तीफा नहीं मिला है। इस्तीफा स्वीकारने का निर्णय कार्यकारिणी समिति का है।