नई दिल्ली, 24 सितम्बर (आईएएनएस)। जनजातीय कार्य मंत्रालय 12 से 17 फरवरी, 2016 तक नई दिल्ली में ‘जनजातीय महोत्सव’ आयोजित करेगा। सरकार की ओर से कार्यक्रम को सम्मानीय स्थान, प्राथमिकता दिलाने और इस महोत्सव की आगुंतकों के बीच लोकप्रियता बढ़ाने के लिए इसका नाम, प्रतीक चिन्ह और इससे संबंधित प्रचार वाक्य का सुझाव देने का प्रस्ताव किया गया है।
इस महोत्सव के लिए उचित नाम, प्रतीक चिन्ह और प्रचार वाक्य के लिए वेबसाइट पर सुझाव आमंत्रित किए गए हैं। इसके लिए प्रवृष्टियां भेजने की अंतिम तिथि 28 सितंबर, 2015 है। विजेता को 30,000 रुपये (तीस हजार रुपये) का नकद पुरस्कार दिया जाएगा।
एक से अधिक विजेता की स्थिति में पुरस्कार की राशि विभाजित किया जाएगा और प्रतीक चिन्ह के लिए 15,000 रुपये, नाम के लिए 7,500 रुपये और प्रचार वाक्य के लिए 7,500 रुपये प्रदान किए जाएंगे।
जनजातीय महोत्सव के जरिए जनजातीय कला/संस्कृति के पारंपरिक पहलुओं को प्रदर्शित किया जाएगा। महोत्सव के दौरान संगीत और नृत्य प्रस्तुति, प्रदर्शनियां, कला-कृतियों का प्रदर्शन, फैशन शो, फिल्म शो और पैनल चर्चा आदि कराए जाने का प्रस्ताव है। जनजातीय समूहों द्वारा पारंपरिक वेशभूषा में शानदार परेड इसका आकर्षण होगा।
पांच दिवसीय महोत्सव दौरान रोज शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। यह महोत्सव कला, संगीत, पारंपरिक भोजन के प्रेमियों के लिए खास होगा। यह महोत्सव देश के पारंपरिक जनजातियों के अनुभव, ज्ञान के साथ-साथ मनोरंजन के लिए अपनी तरह का एक जीवंत स्थान होगा। इसमें देश भर के जनजातीय समुदाय के लोग हिस्सा लेंगे।