अंताल्या (तुर्की), 16 नवंबर (आईएएनएस)। पेरिस हमले से व्यथित जी20 समूह के देशों के शीर्ष राजनीतिक प्रतिनिधियों ने सोमवार को विश्वव्यापी समस्या आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ने की शपथ ली।
दो दिवसीय जी20 शिखर सम्मेलन के समापन पर सभी देशों के प्रतिनिधियों ने संयुक्त वक्तव्य जारी कर आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का संदेश दिया।
वक्तव्य में कहा गया है, “हम सभी के देशों के लिए आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई प्राथमिकता में सबसे ऊपर है और हम आतंकवादी गतिविधियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संघीभाव और समन्वय के जरिए रोकने और उसके दमन के लिए मिलकर काम करने की शपथ लेते हैं।”
जी20 देशों के नेताओं ने कहा कि विश्व स्तर पर फैल चुका आतंकवाद सीधे-सीधे अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा को कायम रखने के प्रयासों को दुर्बल कर रहा है और ‘वैश्विक अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने तथा सतत वृद्धि और विकास को सुनिश्चित करने के’ हमारे प्रयासों को खतरे में डाल रहा है।
पूर्व के जी20 शिखर सम्मेलनों से इतर इस बार इस वैश्विक मंच पर आतंकवाद मुख्य मुद्दे के रूप में छाया रहा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मेलन के दौरान ‘वैश्विक चुनौतियां : आतंकवाद और शरणार्थी समस्या’ विषय पर अपने संबोधन में कहा कि आतंकवाद सबसे बड़ी वैश्विक चुनौती है और उन्होंने आतंकवादियों का समर्थन करने वालों और उन्हें मदद मुहैया कराने वालों का बहिष्कार करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को हथियारों की आपूर्ति रोकने के लिए कोशिशों को पुख्ता करना होगा, आतंकी गतिविधियों को तितर-बितर करना होगा और आंतकवाद के लिए दी जा रही वित्तीय मदद पर रोकथाम लगाना होगा और इसे अपराध करार देना होगा।
संयुक्त बयान में कहा गया है, “हम पेरिस में 13 नवंबर और अंकारा में 10 अक्टूबर को हुए घृणित आतंकवादी हमले की हम कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। यह पूरी मानवता का अपमान है, जो अस्वीकार्य है। हम आतंकवादी हमले के पीड़ितों और उनके परिवार वालों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। हम उनके साथ एकजुटता जताते हैं और आतंकवाद के सभी स्वरूपों और जहां कहीं भी यह घट रहा है उसके खिलाफ एकजुट हो लड़ाई का संकल्प करते हैं।”