मुंबई, 29 अगस्त (आईएएनएस)। टाटा समूह ने सोमवार को दुनिया के सर्वोच्च विश्वविद्यालयों में से कुछ में अनुसंधान और विकास निधि के लिए 2.5 करोड़ डॉलर वाली निधि की घोषणा की।
टाटा सन्स, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), टाटा केमिकल्स, टाटा कम्युनिकेशन, टाटा स्टील और जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) जिन विश्वविद्यालयों के साथ भागीदारी करेंगे, उनमें हावर्ड, येल, रॉयल सोसाइटी (यूके) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी-मद्रास) शामिल हैं।
टाटा यह वित्तीय सहायता शोध कार्यक्रम, अध्ययन प्रोत्साहन अवकाश, फेलोशिप तथा विश्वविद्यालय में लंबी अवधि के अनुसंधान के लिए देगी।
टाटा सन्स समूह के मुख्य तकनीकी अधिकारी गोपीचंद कटरागड्डा ने बताया, “टाटा समूह का विजन दुनिया के 25 फीसदी लोगों के जीवन को प्रभावित करना है। इसके लिए हम दुनिया के सबसे अच्छे शोध संस्थानों से हाथ मिला रहे हैं, ताकि जिन क्षेत्रों में हम रहते हैं और काम करते हैं, वहां स्थायी बाजार विकसित किया जा सके।”
कटरागड्डा के मुताबिक, यह सहयोगी मंच टाटा कंपनियों को इन शीर्ष विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर काम करने का मौका देगी और यहां होनेवाले शोध टाटा समूह की बाजार समझ को मजबूती देगी, ताकि सार्थक परिणाम निकल सके।
टाटा सन्स, टाटा कम्युनिकेशन, टाटा स्टील और जेएलआर सॉफ्ट रोबोटिक्स, एडवांस मैटेरियल और सेंसर तकनीक के विकास के लिए हावर्ड यूनिवर्सिटी के साथ 6 वर्षो के लिए समझौता किया है।
टाटा सन्स, टीसीएस और टाटा केमिकल्स नेटवर्क साइंस, कंज्यूमर बिहेवियर आदि क्षेत्रों में येल यूनिवर्सिटी के साथ अगले पांच साल के लिए समझौता करेंगे।
रॉयल सोसाइटी, ब्रिटेन के साथ भागीदारी की जून में घोषणा की गई और इसका लक्ष्य फिजिकल साइंस और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अगले दस साल के लिए टाटा यूनिवर्सिटी रिसर्च फेलोशिफ चलाना है।
वहीं, आईआईटी मद्रास के साथ पांचवर्षीय भागीदारी एडवांस मटीरियल के क्षेत्र में रणनीतिक शोध के लिए की गई है। टाटा स्टील और टाटा सन्स इसे अतिरिक्त मदद मुहैया कराएंगे।