नई दिल्ली, 8 मई (आईएएनएस)। सरकार ने शुक्रवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) पर न्यूनतम वैकल्पिक कर (एमएटी) के लिए एक उच्चस्तरीय समिति गठित की है।
राज्यसभा में वित्त विधेयक 2015-16 पर बहस का जवाब देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एफआईआई पर एमएटी की वसूली के विवादास्पद मुद्दे पर सुझाव देने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति के गठन की घोषणा की।
जेटली ने कहा, “मुझे एफआईआई पर लागू एमएटी और कुछ अन्य करों के लिए बड़ी संख्या में सुझाव प्राप्त हुए हैं। हमने विधि आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ए.पी.शाह की अध्यक्षता में समिति के समक्ष इस मुद्दे को रखने का फैसला किया है।”
जेटली ने एफआईआई को उनके द्वारा अर्जित किए गए पूंजीगत लाभ पर एमएटी का भुगतान करने के दायरे से बाहर रखने की घोषणा की थी, लेकिन इसके बाद जल्द ही आयकर विभाग ने कम से कम 90 विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) को नोटिस भेज दिया।
उन्होंने विदेशी निवेशकों को आश्वासन दिया कि जल्द ही एमएटी के स्थान पर एक सकल आयकर रिटर्न फॉर्म लाया जाएगा।
एमएटी द्वारा पैदा हुई अनिश्चितता की वजह से विदेशी निवेशकों ने बुधवार को भारतीय शेयरों और बॉन्ड में लगभग 63.0 करोड़ डॉलर मूल्य की बिक्री की, जो जनवरी 2014 के बाद सबसे बड़ी एकदिनी बिक्री रही।