निवेदिता
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मुंबई, 29 अगस्त (आईएएनएस)। डिजाइनर पायल खंडेलवाल का कहना है कि आजकल भारतीय डिजाइनर देश के वस्त्रों की बुनाई और उनमें नए प्रयोग के जरिए इसे नया अवतार प्रदान कर रहे हैं। पायल हस्तनिर्मित, खादी, सिल्क, सूती और लिनेन के वस्त्रों पर काम करना पसंद करने के लिए जानी जाती है।
उन्हें लगता है कि भारतीय डिजाइनर भारतीय बुनाई को एक नया आयाम और अवतार दे रहे हैं। भारतीय वस्त्रों से जुड़ी धारणा में बदलाव को लेकर अभी यह और आगे जाएगा। यह उन्हें प्रासंगिक रखने के साथ ही नए दर्शकों तक पहुंचने में मदद भी करेगा।
लक्मे फैशन वीक विंटर उत्सव 2016 के दौरान पायल ने आईएएनएस को बताया, “इससे उन भारतीय बुनकरों को मदद मिलेगी जो बहुत बुरी अवस्था में रह रहे हैं और जिन्हें बहुत कम वेतन मिलता है।”
पायल ने लक्मे सैलन के सहयोग से ब्राइडल लाइन को पेश किया।
पायल को यह भी लगता है कि सरकार के प्रयास से बनारस के बुनकरों को नई आशा मिल सकती है।
भारतीय वस्त्रों पर पश्चिमी डिजाइन कम ही बन पाने से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि इसमें सच्चाई है। उनका कहना है कि अगर करीने से लगे सही वस्त्र और वस्त्र के वजन का सही चुनाव किया जाए तो हर प्रकार के डिजाइन बनाए जा सकते हैं।
मुंबई में पलने-बढ़ने और फिर न्यूयॉर्क तथा बार्सिलोना में पढ़ाई करने से उन्हें नया दृष्टिकोण मिला है। उनकी ललित कला और फैशन की पृष्ठभूमि पर इन देशों की संस्कृति का प्रभाव पड़ा है।
इस फैशन वीक में उन्होंने सोने के धागों से बुनी वस्त्रों का प्रयोग किया है। उन्होंने इसके लिए बनारस के बुनकरों की मदद ली। सिल्क के वस्त्रों के लिए उन्होंने बंगाल के बुनकरों का भी सहयोग लिया।
पायल ने अपना संग्रह इस फैशनवीक के चौथे दिन पेश किया। उन्होंने जिस रूप में मॉडलों को अपनी खूबसूरत डिजाइनर कपड़ों के साथ पेश किया, इसके लिए उन्हें खूब सराहना मिली।