लंदन, 24 फरवरी (आईएएनएस)। अमेरिका की सरकार द्वारा हमास से संपर्क पर प्रतिबंध के बावजूद भी अमेरिका की केंद्रीय खुफिया एजेंसी (सीआईए) ने बैक चैनल्स के माध्यम से फिलिस्तीनी इस्लामी आंदोलन तक पहुंचने की कोशिश की। समाचार चैनल ‘अल-जजीरा’ ने स्पाई केबल के माध्यम के यह जानकारी जुटाई और इसे ब्रिटिश के दैनिक समाचार पत्र ‘द गार्डियन’ के साथ साझा किया। मामले का खुलासा ‘द गार्डियन’ ने किया।
द गार्डियन की सोमवार को जारी रपट के मुताबिक, केबल ने कहा कि अमेरिका की खुफिया एजेंसी हमास में पैठ बनाने और गाजा पट्टी के भीतर एजेंटों की भर्ती को लेकर उत्सुक है।
अमेरिका ने 1997 में हमास को आतंकवादी समूह घोषित किया था। हमास ने 2006 में फिलिस्तीन के चुनाव में जीत दर्ज की थी और अभी गाजा में राज कर रहा है।
2008 में जब बराक ओबामा अमेरिकी के राष्ट्रपति बने तो आशंका जताई गई कि वह हमास के साथ संपर्क स्थापित कर सकते हैं लेकिन ये अटकलें जल्द ही झूठी साबित हुईं।
लीक हुए दस्तावेजों से पता चला है कि अमेरिका द्वारा हमास पर प्रतिबंध के बावजूद भी सीआईए अधिकारी ने दक्षिण अफ्रीका के खुफिया अधिकारी से 2012 में हमास तक पहुंचने की संभावनाओं पर चर्चा की थी।
रंगभेद के अंत के बाद से दक्षिण अफ्रीका के फतह और हमास के साथ मजबूत संबंध हैं। हालांकि फिलिस्तीनी प्रशासन ने हमास के साथ संपर्क पर अपनी अस्वीकृति जताई है।
अमेरिका और दक्षिण अफ्रीका के एजेंटों ने पूर्वी जेरूसलम में हमास और इजरायली सेना के बीच हिंसक झड़पों के दौरान मुलाकात की थी।
29 जून 2012 में प्रिटोरिया को भेजे गए केबल के मुताबिक सीआईए एजेंट गाजा में हमास में पैठ बनाने के लिए बेताब था और संभवत: चाहता था कि एसएसए (दक्षिण अफ्रीका की राजकीय सुरक्षा एजेंसी) उनकी इस काम में मदद करें।
सीआईए के प्रवक्ता ने कहा, “सीआईए ने इन खुफिया गतिविधियों को अमेरिका के संविधान, संघीय ढांचे और राष्ट्रपति के निर्देशों के अनुपालन के साथ अंजाम दिया है।”