नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को नई दिल्ली में केंद्रीय सूचना आयोग के 10वें वार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। उद्घाटन सत्र के बाद तकनीकी सत्रों के दौरान आयोग के काम-काज करने के विभिन्न पहलुओं और पिछले एक दशक के दौरान अवलोकित सूचना अधिकार अधिनियम के लाभों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
इस दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन ‘सूचना का अधिकार (आरटीआई) : भविष्य का दृष्टिकोण – पारदर्शिता के माध्यम से विश्वास’ विषय पर किया जा रहा है। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली उद्घाटन सत्र के दौरान सम्मेलन को संबोधित करेंगे और केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास, (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन, परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह भी इस समारोह में उपस्थित रहेंगे।
उद्घाटन सत्र के बाद तकनीकी सत्रों के दौरान नागरिक कल्याण के लिए सूचना के अधिकार अधिनियम की व्याख्या-डिजिटल इंडिया में क्षितिज का विस्तार, इस अधिनियम की प्रकृति और स्वरूप को तर्कसंगत बनाना, अंतराल, उपयोग और दुरुपयोग के अनुमान, सूचना का अधिकार अधिनियम द्वारा व्यावहारिक शासन की चाहत और सूचना के अधिकार अधिनियम को बेहतर बनाना तथा राज्यों से इस बारे में अनुभव आदि महत्वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श और चर्चा की जाएगी।
इस सम्मेलन में किए गए विचार विमर्शो से जनता और देश की भलाई के लिए सरकारी अधिकारियों के काम-काज में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए इस अधिनियम द्वारा भविष्य में अर्जित किए जाने वाले उद्देश्यों की रूपरेखा बनाने में मदद मिलेगी।
केंद्र सरकार के मंत्री, भारत सरकार के सचिव, रक्षा और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के अधिकारी, राज्यों के मुख्य सूचना आयुक्त, केंद्रीय जनसूचना अधिकारी (सीपीआईओ), भारत सरकार के सभी मंत्रालयों/विभागों के प्रथम अपीलीय प्राधिकारी (एफएए), दिल्ली के सभी आयोग/अधिकरणों के प्रमुख, सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों, बैंकिंग क्षेत्रों के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, विभिन्न सरकारी संगठनों के वरिष्ठ अधिकारी, मंत्रालयों के मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ), कानून विशेषज्ञ तथा गैर-सरकारी संगठनों के सदस्य इस सम्मेलन में भाग ले रहे हैं।
इस साल आयोजित किया जाने वाला वार्षिक सम्मेलन इस लिहाज से खास है क्योंकि सूचना का अधिकार अधिनियम लागू होने के दस वर्ष (2005 से 2015) पूरे हो रहे हैं। इसकी शुरुआत से अभी तक केंद्रीय सूचना आयोग को 2,12,762 शिकायतें और अपील प्राप्त हुई हैं जिनमें से 1,62,504 का निपटान किया गया है। सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की शुरुआत से लेकर जून 2015 तक केंद्र सरकार के अधिकारियों को पूरे देश से सूचना के लिए लगभग 50 लाख अनुरोध प्राप्त हुए हैं।