न्यूयार्क, 17 जून (आईएएनएस)। मानवाधिकार संस्था ह्यूमन राइट्स वॉच ने शुक्रवार को बांग्लादेश सरकार से कहा कि धर्मनिरपेक्ष लेखकों और अन्य लोगों पर हमलों की जांच निश्चित ही होनी चाहिए, लेकिन बड़े पैमाने पर मनमाने ढंग से ऐसे लोगों की गिरफ्तारी पर रोक लगनी चाहिए जिनके खिलाफ किसी अपराध का सबूत नहीं है।
बांग्लादेश में सुरक्षा बलों ने 10 से 16 जून के बीच करीब 11,000 लोगों को गिरफ्तार किया है। ये गिरफ्तारियां बांग्लादेश में धर्मनिरपेक्ष और नास्तिक विचारधारा के लोगों, गैर मुस्लिमों, समलैंगिक समुदाय के लोगों और अन्य प्रगतिशील व उदारवादी विचारकों की लगातार हो रही हत्याओं के संबंध में की गईं हैं।
ह्यूमन राइट्स वॉच ने कहा कि जिन्हें हिरासत में लिया गया है उन पर या तो विश्वसनीय सबूतों के आधार पर आपराधिक गतिविधियों का मामला दर्ज कर तुरंत किसी न्यायाधीश के सामने पेश किया जाए या फिर उन्हें तुरंत रिहा किया जाए।
मानवाधिकार संस्था ने कहा, “इन भीषण हमलों के बाद धीमी और लापरवाह प्रतिक्रिया के बाद अब बांग्लादेशी सुरक्षा बलों ने अपनी पुरानी आदत के अनुसार छानबीन करने और मेहनत से जांच करने के बजाए कई सारे ‘संदिग्ध लोगों’ को गिरफ्तार कर लिया है।”
संस्था ने कहा, “सरकार को इन हत्याओं के दोषियों को पकड़ना चाहिए और उन्हें कानून के कटघरे में खड़ा करना चाहिए, लेकिन यह बांग्लादेशी और अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के तहत उचित प्रक्रिया के माध्यम से होना चाहिए।”
बाग्लादेश में ब्लॉगरों, धर्मनिरपेक्ष लोगों और धार्मिक अल्पसंख्यकों की चुन-चुन कर हत्या करना 2013 से शुरू हुआ था और हाल के दिनों में इसमें इजाफा देखने को मिला है।
अब तक 50 से ज्यादा लोगों की हत्या की जा चुकी है, जिनमें से ज्यादातर की हत्या सार्वजनिक जगहों पर धारदार हथियार से की गई है।
इनमें से कई हत्याओं की जिम्मेदारी दाएश (आईएसआईएस) या अंसार अल-इस्लाम (अल कायदा से जुड़ा बांग्लादेश का आतंकवादी संगठन) ने ली है, लेकिन अभी तक उनकी भागीदारी की पुष्टि नहीं हुई है। सरकार देश में दोनों ही समूहों की उपस्थिति से इनकार करती है।