पटना, 5 सितंबर (आईएएनएस)। बिहार में कथित टॉपर्स घोटाला मामले में विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) ने सोमवार को निगरानी विभाग की विशेष अदालत में आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र (चार्जशीट) दाखिल कर दिया गया। इसमें 20 सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों सहित कुल 32 लोगों को आरोपी बनाया गया है।
पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) और एसआईटी के प्रमुख मनु महाराज ने बताया कि सोमवार को ठीक तीन महीने पूरे होने पर एसआईटी की ओर से आरोपपत्र दाखिल किया गया है। उन्होंने बताया कि इस मामले में आगे भी जांच चलती रहेगी और इसमें और भी लोग गिरफ्तार हो सकते हैं।
उन्होंने बताया कि एसआईटी ने अपने जांच में चार हजार से अधिक पन्नों में लिखे आरोपपत्र में इस मामले से जुड़े प्रत्येक पहलुओं का उल्लेख किया गया है।
पुलिस के एक अधिकारी के अनुसार, आरोपपत्र में स्कूल, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के कार्यालय और आरोपियों के घरों से बरामद हुए घोटाले से संबंधित दस्तावेज के अलावे लोगों के बयानों और सरकारी गवाहों द्वारा की गई गवाही को भी शामिल किया गया है।
एसएसपी ने कहा, “एसआईटी में शामिल अधिकारियों ने इस मामले में काफी मेहनत की है और कोशिश की जाएगी कि इस मामले की अदालत में त्वरित सुनवाई हो सके और आरोपियों को जल्द सजा दिलवाई जाए।”
उल्लेखनीय है कि बिहार में इस वर्ष 12वीं की परीक्षा में कला संकाय में टपर रही रूबी राय और विज्ञान संकाय में टॉपर रहे सौरव श्रेष्ठ का विषय और विशेष ज्ञान से संबंधित साक्षात्कार टीवी चैनलों पर प्रसारित किए जाने के बाद इस मामले का खुलासा हुआ था। दोनों मामूली सवालों का भी जवाब नहीं पाए। रूबी ने पोलिटिकल साइंस का उच्चारण ‘प्रोडिकल साइंस’ किया था और बताया था कि इस विषय में खाना बनाने संबंधी पढ़ाई होती है।
दोनों टॉपरों के हास्यास्पद जवाब से शर्मसार हुए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बीएसईबी) ने विशेषज्ञों की एक टीम बनाई थी और 14 टॉपरों का साक्षात्कार लिया था। विशेषज्ञों द्वारा लिए गए साक्षात्कार के बाद विज्ञान संकाय के टॉपर्स बने सौरभ श्रेष्ठ और राहुल कुमार तथा कला संकाय की टॉपर रूबी राय का परीक्षा परिणाम रद्द कर दिया गया।
इस मामले में मीडिया में बयान देखने के बाद छह जून 2016 को कोतवाली थाने में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद समेत कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया। जांच आगे बढ़ने के बाद इस घोटाले का पर्दाफाश होता गया और इस मामले में कई लोगों की गिरफ्तारी हुई।
बिहार सरकार ने पूरे मामले की जांच एसआईटी को सौंप दी है।
इस मामले में बीएसईबी के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर सिंह, उनकी पत्नी और बिहार में सत्ताधारी जनता दल (युनाइटेड) की पूर्व विधायक उषा सिन्हा, बीएसईबी के पूर्व सचिव हरिहर नाथ झा, वैशाली के बिशुन राय कॉलेज के प्राचार्य बच्चा राय सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
गौरतलब है कि विपक्ष इस पूरे मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की थी।