पटना, 15 सितंबर (आईएएनएस)। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने यहां शनिवार को कहा कि राज्य में अब चिकित्सकों और अभियंताओं की नियुक्ति बिहार तकनीकी सेवा आयोग द्वारा अंकों के आधार पर की जाएगी। नियुक्ति के लिए लिखित परीक्षा या साक्षात्कार की जरूरत नहीं पड़ेगी।
पटना के अभियंता भवन में बिहार अभियंता सेवा संघ द्वारा भारतरत्न मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की 157वीं जयंती पर आयोजित ‘अभियंता दिवस’ समारोह को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री मोदी ने कहा कि जब तक नियमित नियुक्तियां नहीं हो जातीं, तब तक संविदा पर कार्यरत कर्मियों को प्रतिवर्ष रिन्युअल कराने की भी जरूरत नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि संविदा कर्मियों को भी नियमित कर्मियों की तरह अर्जित, आकस्मिक व मातृत्व अवकाश तथा सभी तरह की सुविधाएं मिलेंगी। बिहार के मेडिकल, इंजीनियरिंग कॉलेजों से उत्तीर्ण छात्रों को नियुक्ति में 50 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलेगा।
मोदी ने कहा कि अत्यधिक बोझ के कारण रिक्तियों की सूचना भेजने के बावजूद बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) को नियुक्ति करने में कई-कई साल लग जा रहे हैं, यही कारण है कि सरकार ने पुलिस, विश्वविद्यालय शिक्षकों आदि की नियुक्तियों के लिए अलग-अलग आयोगों सहित सहायक अभियंताओं, पशु चिकित्सा पदाधिकारियों व चिकित्सा पदाधिकारियों आदि की नियुक्ति के लिए बिहार तकनीकी सेवा आयोग का गठन किया है।
उन्होंने कहा कि पथ निर्माण, ग्रामीण कार्य, जल संसाधन व लघु जल संसाधन विभाग में अभियंता के करीब 7000 पद रिक्त हैं। संविदा पर मात्र 2000 लोगों को नियुक्त किया गया है।
मोदी ने कहा कि राजद, कांग्रेस के 15 वर्षो के कार्यकाल में अलकतरा घोटाला हुआ, जिसमें विभागीय मंत्री के साथ ही कई अभियंताओं को भी जेल जाना पड़ा था, जबकि राजग की सरकार के दौरान बिहार में सड़कों का जाल बिछाने, अनेक दर्शनीय भवन बनाने व विकास को गति देने में अभियंताओं का बहुत बड़ा योगदान रहा है।