ब्रसेल्स, 29 जून (आईएएनएस)। ब्रिटेन के यूरोपीय संघ (ईयू) से बाहर होने के जनमत संग्रह के फैसले को लेकर दूसरे दिन बुधवार को भी यहां यूरोपीय संघ का सम्मेलन जारी रहा, लेकिन इसमें ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन मौजूद नहीं थे।
संघ के 27 अन्य सदस्य ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर होने की योजनाओं पर चर्चा करेंगे लेकिन उसमें ब्रिटेन नहीं होगा। पिछले 40 वर्षो में ऐसा पहली बार होगा।
बुधवार की सुबह बेल्जियम के प्रधानमंत्री चार्ल्स माइकल ने बीबीसी से कहा कि ‘ब्रिटेन लंबे राजनीतिक संकट का सुख नहीं भोग सकता।’
माइकल ने कहा कि सभी 27 देशों के बीच सहमति पर पहुंचने की कोशिश से एक ‘गतिहीनता’ पैदा होगी। उन्होंने सुझाव दिया कि देशों का एक छोटा कोर ग्रुप मामले में जल्दी से आगे बढ़ सकता है।
फिलहाल यूरोपीय संघ और ब्रिटेन के बीच एक तरह का गतिरोध आ गया है। यूरोपीय संघ के नेता इस बात पर जोर दे रहे हैं कि जब तक ब्रिटेन औपचारिक तौर पर लिस्बन समझौते के प्रावधान अनुच्छेद 50 को लागू नहीं करता तब तक कोई बातचीत नहीं हो सकती। ब्रिटेन द्वारा अनुच्छेद 50 लागू करने के बाद यूरोपीय संघ से बाहर होने की प्रक्रिया शुरू होगी।
डेविड कैमरन का कहना है कि अनुच्छेद 50 को उनके बाद जो प्रधानमंत्री पद संभालेगा, उसे लागू करना चाहिए। इस तरह वह प्रभावी ढंग से इस प्रक्रिया को कम से कम अक्टूबर तक टाल रहे हैं।
ब्रसेल्स में मंगलवार को हुई बैठक कैमरन की यूरोपीय संघ के सम्मेलन में अंतिम बैठक थी। उसमें उन्होंने अक्टूबर तक अलग होने के इरादे की घोषणा की।
बैठक में कैमरन ने कहा कि शेष यूरोपीय संघ ब्रेक्सिट के बाद ब्रिटेन के साथ ‘यथासंभव निकटतम’ रिश्ता रखना चाहता है।
लेकिन, उन्होंने कहा कि ब्रिटेन के मतदाताओं में आव्रजन एक बहुत बड़ी चिंता है और इसका यूरोपीय संघ के एकल बाजार की पहुंच से तुलना करना एक बड़ी चुनौती होगी।
गत 24 जून को ब्रिटेन ने 48 प्रतिशत के मुकाबले 52 प्रतिशत मतों से यूरोपीय संघ से बाहर होने का निर्णय लिया था। ब्रिटेन 43 साल पहले 1973 में इस संघ को एक सदस्य बना था।