इस्लामाबाद, 30 अगस्त (आईएएनएस)। पाकिस्तान की एक अदालत ने एक मूक-बधिर भारतीय महिला पर अधिकार के लिए एक भारतीय वकील द्वारा दायर एक याचिका पर ईधी फाउंडेशन के अध्यक्ष अब्दुल सत्तार ईधी को नोटिस भेजा है।
गीता को 13 वर्ष पहले ईधी होम लाया गया था, जहां वह तभी से रह रही है।
‘डॉन आनलाइन’ ने बताया है कि भारतीय वकील और समाजसेवी मोमिनीन मलिक ने अपराध प्रकिया संहिता की अपह्रत महिलाओं की वापसी से संबंधित धारा 552 के तहत याचिका दायर कर गीता को उसके माता पिता को सौंपने की गुजारिश की है। उन्होंने ईधी फाउंडेशन और अन्य को प्रतिवादी बनाया है।
अदालत ने प्रतिवादियों को गीता के साथ सोमवार को हाजिर होने के लिए शनिवार को नोटिस जारी किया है।
अदालत ने मूक-बधिर विद्यालय के शिक्षक को भी बुलाया है, जो गीता की बातें अदालत को समझा सकेगा।
गीता लाहौर में समझौता एक्सप्रेस में मिली थी। पुलिस को लगता है कि वह वाघा बार्डर पार कर ट्रेन से आई थी। बीते 13 सालों से उसकी देखभाल कराची स्थित ईधी फाउंडेशन ने की है। वह ईधी होम में रह रही है।
छह अगस्त को अमृतसर के एक दंपति ने हिन्दुस्तान टाइम्स अखबार से कहा था कि गीता उनकी बेटी है।