नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (आईएएनएस)। अगले सप्ताह शुरू होने वाले भारत-अफ्रीका सम्मेलन से पूर्व केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत, अफ्रीका को अपना प्राकृतिक हिस्सेदार के रूप में देखता है। हम साथ मिलकर भविष्य के आर्थिक व्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
नई दिल्ली में आयोजित चौथे भारत-अफ्रीका व्यापार मंत्रियों के सम्मेलन को शुक्रवार को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत और अफ्रीका दोनों ही समान चुनौतियों और चिंता का सामना कर रहे हैं और विश्व आर्थिक व्यवस्था दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाले इन दोनों क्षेत्रों को जबर्दस्त अवसर प्रदान करता है।
चौथे भारत-अफ्रीका व्यापार सम्मेलन (आईएटीएमएम) का आयोजन 29 अक्टूबर को नई दिल्ली में आयोजित होने वाले तीसरे भारत-अफ्रीका फोरम शिखर सम्मेलन के अवसर पर किया गया है।
इस सम्मेलन में 37 अफ्रीकी देशों के व्यापार मंत्री और अधिकारी भाग लेंगे। इनमें अल्जीरिया, अंगोला, बेनिन, कोमोरोस, कांगो, जिबुती, मिस्र, गाम्बिया, घाना, केन्या, लेसोथो, लाइबेरिया, मलावी, माली, मोरक्को, नामीबिया, मॉरीशस, नाइजर, सेनेगल, सेशेल्स, सिएरा लियोन, सोमालिया, दक्षिण सूडान, दक्षिण अफ्रीका के साथ टोगो, तंजानिया, ट्यूनीशिया, जाम्बिया, जिम्बाब्वे शामिल हैं।
व्यापार मंत्रियों को संबोधित करते हुए सीतारमण ने कहा कि नई दिल्ली में 2008 में आयोजित पहले भारत-अफ्रीका फोरम के शिखर सम्मेलन के परिणामस्वरूप, भारत ने न्यूनतम विकसित देशों (एलडीसी) के लिए शुल्क मुक्त प्रशुल्क की वरीयता देने की घोषणा की थी ताकि अफ्रीकी देशों से निर्यात के लिए भारत के बाजार खुल सकें। उन्होंने बताया कि अप्रैल 2014 से इस स्कीम को आगे के लिए विस्तारित कर दिया गया है।
इस समय भारत शुल्क लाइन में 96 फीसदी और एलडीसी के लिए अन्य 2.2 फीसदी प्रशुल्क लाइन में बाजार उपलब्ध करा रहा है। इस तरह भारत इन देशों को 98.2 फीसदी शुल्क मुक्त बाजार उपलब्ध करा रहा है। इसके साथ ही भारत पहला देश है जो एलडीसी को सेवा पैकेज उपलब्ध कराता है। भारत इन देशों से आने वाले व्यापारियों को वीजा शुल्क में भी छूट प्रदान करता है।
भारत-अफ्रीका शिखर सम्मेलन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए सीतारमण ने कहा, “सम्मेलन एक अनुपम मंच बन गया है जहां भारत सरकार और अफ्रीकी भगीदार देश बातचीत के जरिये सहयोग के क्षेत्र और हिस्सेदारी को विस्तार तथा मजबूती देने, व्यापार में सहयोग, अपने संबंधों के आधार पर प्रौद्योगिक और क्षमता निर्माण के प्रयास की पहचान करते हैं। इनमें कृषि के क्षेत्र में बृहत्तर सहयोग और कृषि आधारित प्रसंस्करण, अभियांत्रिकी वस्त्र, चर्म, औषधि, खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में कुछ साकारात्मक असर, स्वास्थ्य स्थिति और अफ्रीका तथा भारत में अतिरिक्त नौकरियों के निर्माण शामिल हैं।”
सीतारमण ने प्रकाश डालते हुए कहा है कि मूल्य संवर्धन विकास की कुंजी है और लोगों के जीवन स्तर उठाने का अवसर है। भारत ने स्वाधीनता के बाद से कई क्षेत्रों में आयातक से अपने को शुद्ध निर्यातक के रूप में बदल कर महत्वपूर्ण प्रगति की है।
उन्होंने कहा कि भारत अपनी विषेज्ञता और अनुभव अफ्रीकी देशों के साथ मूल्य संवर्धन, नौकरियों के सृजन जो अंतत: लोगों के जीवन स्तर की गुणवत्ता बेहतर बनाते हैं, में साझा करने का प्रयास करेगा।
चौथे आईएटीएमएम ने भारत और अफ्रीकी व्यापार मंत्रियों के सम्मेलन के पूर्व प्रतिबद्धताओं और विचार-विमर्श को देखा है और भारत तथा अफ्रीका के बीच वर्तमान व्यापार और व्यवसाय की समीक्षा की है। दोनों पक्षों ने शुल्क मुक्त प्रशुल्क वरीयता (डीएफटीपी) स्कीम और एलडीसी के लिए सेवाओं में छूट तथा सूती वस्त्र तकनीकी सहायता योजना(टीएपी) पर भी विचार-विमर्श किया है।
सम्मेलन में डब्ल्यूटीओ पर भी गोलमेज सम्मेलन का भी आयोजन किया गया। भारत-अफ्रीका बिजनेस फोरम की बैठक इस आयोजन का मुख्य भाग रहा।