कोलकाता, 4 नवंबर –अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बारे में विशेषज्ञता रखने वाले माइकल कूगलमैन का कहना है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी बलों के हटने के बाद जहां भारत के लिए रणनीतिक द्वार खुलता है, वहीं क्षेत्र में सक्रिय आतंकवादी संगठन अपना ध्यान भारत की ओर केंद्रित कर सकते हैं। भारत-अमेरिका और भारत-पाकिस्तान संबंधों पर ग्लोबल इंडिया फाउंडेशन द्वारा यहां आयोजित एक कार्यक्रम में कुगलमैन ने कहा कि जब तक पाकिस्तानी सेना का संबंध आतंकी संगठनों से बना रहेगा, भारत-पाकिस्तान के बीच संबंध कभी नहीं सुधर सकते।
कुगलमैन वूडरो विल्सन इंटरनेशनल सेंटर फॉर स्कॉलर्स में दक्षिण एशिया के एसोसिएट हैं।
उन्होंने कहा, “अमेरिकी सैनिकों के अफगानिस्तान से हटने के बाद भारत और पाकिस्तान दक्षिण एशिया में फिर से अस्थिरता का केंद्र बन सकते हैं। भारत, अफगानिस्तान में सक्रिय कई आतंकी संगठनों के निशाने पर आ सकता है।”
कुगलमैन ने आगे कहा, “लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकवादी संगठनों का मुख्य निशाना भारत है, लेकिन उन्हें वहां विदेशी सेना से लड़ना पड़ रहा। लेकिन अब उनका ध्यान दोबारा भारत की ओर मुड़ सकता है।”
उन्होंने यह भी कहा कि हाल में भारत विरोधी आतंकी संगठनों के दोबारा उभार और पाकिस्तानी सेना द्वारा भारत से संबंधित नीतियों पर अपना नियंत्रण बनाए रखने के कारण दोनों देशों के संबंध और बिगड़ सकते हैं।
उन्होंने कहा, “दोनों देशों की राजीतिक परिस्थितियों ने भी दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध स्थापित होने की संभावना को खत्म किया है। पाकिस्तान में तो ऐसी स्थिति है कि भारत से जुड़ी नीतियों पर सेना का नियंत्रण है, जो मित्रता के पक्ष में नहीं है।”