नई दिल्ली, 21 दिसम्बर (आईएएनएस)। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि भारत और किर्गिस्तान की आतंकवाद और चरमपंथ को लेकर चिंता एक समान है।
किर्गिस्तान के राष्ट्रपति अलमाज्बेक शरशेनोविच अतामबेव का मंगलवार को यहां राष्ट्रपति भवन में स्वागत करते हुए राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा कि भारत, किर्गिस्तान के साथ लंबे समय के अपने दोस्ताना संबंधों को महत्व देता है। भारत और किर्गिस्तान की आतंकवाद, चरमपंथ और मादक पदार्थो की तस्करी को लेकर एक समान चिंता है।
उन्होंने किर्गिस्तान के राष्ट्रपति के सम्मान में एक भोज का भी आयोजन किया।
राष्ट्रपति भवन से बुधवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा कि किर्गिस्तान के राष्ट्रपति की भारत यात्रा से दोनों देशों के बहुआयामी संबंधों को बढ़ावा देने के प्रयासों को प्रोत्साहन मिलेगा।
अगले साल भारत और किर्गिस्तान राजनयिक संबंधों की स्थापना की 25वीं वर्षगांठ मनाने वाले हैं।
अपने प्रीतिभोज भाषण में राष्ट्रपति ने कहा कि भारत हमेशा ही किर्गिस्तान को अपना विस्तारित पड़ोस का ही हिस्सा मानता रहा है। हम न सिर्फ भौगोलिक रूप से करीब हैं बल्कि हम इतिहास और सभ्यता के अनुसार भी एक दूसरे के काफी नजदीक हैं। हमारा इतिहास साझा है जिसकी झलक हमें हमारी सभ्यता के तत्वों में मिलती है।
राष्ट्रपति मुखर्जी ने अक्टूबर, 2015 में देश में संसदीय चुनाव कराने और इस महीने के पहले संवैधानिक संशोधनों के लिए सफलता पूर्वक जनमतसंग्रह कराने के लिए किर्गिस्तान के राष्ट्रपति की सराहना की।
मुखर्जी ने कहा, “हमारी दोस्ती सोवियत संघ के जमाने से प्रगाढ़ होती आ रही है। दोनों देशों के सांसदों और नेताओं के बीच आपसी संबंध तब से नियमित रूप से कायम है। किर्गिस्तान के स्वतंत्र देश बनने के बाद, भारत के लिए यह स्वाभाविक था कि वह किर्गिस्तान के साथ अपने वर्षों के सहयोगात्मक संबंधों को और प्रगाढ़ करे।”