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 मप्र में नौकरशाहों को ईमानदारी की मिलती है सजा ! | dharmpath.com

Wednesday , 14 May 2025

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मप्र में नौकरशाहों को ईमानदारी की मिलती है सजा !

संदीप पौराणिक

संदीप पौराणिक

भोपाल, 17 जून (आईएएनएस)। कोई भी नौकरशाह जब शासकीय सेवा में प्रवेश करता है तो उसे संविधान के मुताबिक हर वर्ग, जाति-धर्म के लोगों के लिए समान रूप से काम करने और अपने कर्तव्यों के प्रति ईमानदार रहने की सौगंध दिलाई जाती है, लेकिन मध्य प्रदेश ऐसा राज्य बन गया है जहां अपनी सौगंध को पूरा करने की कोशिश करने वाले अफसरों को इनाम नहीं बल्कि सजा जरूर मिल रही है।

नया उदाहरण भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी मनीष रस्तोगी हैं जिन्होंने ई-टेंडरिंग के घपले को उजागर क्या किया उन्हें जबरन छुट्टी पर भेजे जाने के साथ संबंधित विभाग से ही हटा दिया गया।

राज्य सरकार ने ईमानदारी का दावा करते हुए तमाम निर्माण विभाग के कार्यो के लिए ई-टेंडर सेवा की शुरुआत की थी। इस दावे की पोल भी खुल गई। पोल खोलने वाले विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी हैं जिन्होंने ई-टेंडरिंग में गड़बड़ी को उजागर किया तो पहले उन्हें जबरन छुट्टी पर भेज दिया गया।

इतना ही नहीं, उनके छुट्टी पर जाते ही विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग की जिम्मेदारी दूसरे अफसर को सौंप दी गई।

सूत्र बताते हैं कि रस्तोगी ने विभाग की जब जिम्मेदारी संभाली तो ई-टेंडरिंग में संभावित गड़बड़ियों पर पड़ताल की। उन्हें जब इस बात पर पूरी तरह भरोसा हो गया कि गड़बड़ियां चल रही हैं तो कई अफसरों सहित मुख्यमंत्री कार्यालय तक को अवगत कराया। कई टेंडर निरस्त करने की बात कही, मगर उनकी बात सुनी जाती उससे पहले ही सरकार सकते में आ गई और रस्तोगी पर ही तलवार चला दी गई।

बताते चलें कि मुरैना में भारतीय पुलिस सेवा के अफसर नरेंद्र कुमार को माफियाओं ने ट्रैक्टर से कुचलकर सिर्फ इसलिए मार दिया था क्योकि उन्होंने रेत माफियाओं के खिलाफ मुहिम छेड़ी थी। इसी तरह मुख्यमंत्री के गृह जिले सीहोर से रेत खनन के खिलाफ कार्रवाई करने वाले एक अफसर और एक महिला खनिज अधिकारी को हटाया गया।

जनता के लिए शाजापुर में जिलाधिकारी रहते हुए आईएएस राजीव शर्मा ने काम किया तो उन्हें सचिवालय भेज दिया गया। प्रदेश में इसी तरह के कई मामले हैं जिनमें अफसर ने गड़बड़ी पकड़ी, जनता के लिए काम किया तो उसे इनाम नहीं, सजा मिली।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने ई-टेंडरिंग घोटाले के दोषियों को सामने लाने की मांग करते हुए कहा कि घोटाले के राज एक मोबाइल नंबर में छुपे हुए हैं।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस पूरे घोटाले के तार शीर्ष स्तर पर सरकार को संचालित करने वालों से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री चौहान वाकई में इस घोटाले को उजागर कर दोषियों को दंडित करना चाहते हैं तो वे मोबाइल नंबर 9582112323 की जांच करवाएं। इस नंबर की कॉल डिटेल की ईमानदारी से जांच हुई तो कई बड़े खुलासे होंगे।

वहीं सरकार के जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा ई-टेंडरिंग में किसी भी तरह की गड़बड़ी की बात को नकारते हैं और कहते हैं कि “जो टेंडर हुआ ही नहीं, जिसमें एक पैसे का काम नहीं हुआ, एक पैसे का भुगतान नहीं हुआ, उसमें भ्रष्टाचार कैसे हो गया।”

वहीं, सामाजिक कार्यकर्ता का अक्षय हुंका का कहना है कि राज्य में कुछ लोगों को ताकतवर बनाने का काम किया जा रहा है, जो भी व्यक्ति उनके ताकतवर बनने में बाधक बनता है, उसे हटा दिया जाता है। मनीष रस्तोगी के मामले में भी यही हुआ है, उन्होंने ई-टेंडरिंग की गड़बड़ी को पकड़ा और आशंका तो यहां तक है कि बीते समय में हुए 400 से 500 टेंडरों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है और रस्तोगी उन गड़बड़ियों तक पहुंच गए होंगे, लिहाजा सरकार को अपनी पोल खुलते दिखी तो उन्हें हटा दिया गया।

संभवता मध्य प्रदेश देश के उन विरले राज्यों में होगा, जहां घोटालेबाजों को संरक्षण देने वालों को नहीं, बल्कि घोटालेबाजी को उजागर करने वालों को सजा मिल रही है। सरकार के इस रवैए में बदलाव नहीं आया तो आगामी चुनाव में सरकार के खाते में क्या आएगा, इसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता।

मप्र में नौकरशाहों को ईमानदारी की मिलती है सजा ! Reviewed by on . संदीप पौराणिकसंदीप पौराणिकभोपाल, 17 जून (आईएएनएस)। कोई भी नौकरशाह जब शासकीय सेवा में प्रवेश करता है तो उसे संविधान के मुताबिक हर वर्ग, जाति-धर्म के लोगों के लिए संदीप पौराणिकसंदीप पौराणिकभोपाल, 17 जून (आईएएनएस)। कोई भी नौकरशाह जब शासकीय सेवा में प्रवेश करता है तो उसे संविधान के मुताबिक हर वर्ग, जाति-धर्म के लोगों के लिए Rating:
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