Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 यमन से 350 भारतीय घर पहुंचे, भविष्य को लेकर चिंता (लीड-1) | dharmpath.com

Thursday , 15 May 2025

Home » भारत » यमन से 350 भारतीय घर पहुंचे, भविष्य को लेकर चिंता (लीड-1)

यमन से 350 भारतीय घर पहुंचे, भविष्य को लेकर चिंता (लीड-1)

कोच्चि/मुंबई/नई दिल्ली, 2 अप्रैल (आईएएनएस)। उपद्रवग्रस्त यमन से 350 से ज्यादा भारतीय नागरिकों को वायुमार्ग से सुरक्षित ले आया गया है। गुरुवार को घर वापस लौटे भारतीय नागरिकों को अपने देश में पहुंचने की खुशी तो है, लेकिन भविष्य को लेकर चिंता है।

भारत ने सबसे बड़े विमान सी-17 (ग्लोबमास्टर) को अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने के अभियान में लगाया है। 190 भारतीय गुरुवार को मुंबई पहुंचे जबकि 168 भारतीय केरल के कोच्चि पहुंचाए गए।

राष्ट्रपति अब्द-रब्बू मंसूर हादी की सरकार को शिया हौती सेनाओं ने अपदस्थ कर दिया और उसके बाद ही 22 जनवरी से यमन में लड़ाई जारी है। सऊदी अरब के नेतृत्व में 10 देशों की गठबंधन सेना द्वारा हाल ही में सैनिक अभियान शुरू होने के बाद घमासान तेज हो गया है।

भारत ने अपने नागरिकों को निकालने के लिए अत्यंत समन्वित अभियान शुरू किया है और यमन के बंदरगाह शहर अदन में फंसे करीब 350 लोगों को भारतीय नौसेना के पोत आईएनएस सुमित्रा के जरिये सुरक्षित निकाल लिया गया।

सुरक्षित लौटे भारतीयों को अपने भविष्य को लेकर चिंता है और उन्हें रोजगार मिलने की उम्मीद है।

यमन में नर्स का काम करने वाली एक प्रवासी भारतीय ने कहा, “हम अपने परिजनों के पास सुरक्षित पहुंचकर खुश हैं, लेकिन एक बड़ा सवाल यह भी है कि हमारे भविष्य का क्या होगा। हमें रोजगार चाहिए पर पता नहीं हमें कहां से काम मिलेगा, क्योंकि हमें परिवार की देखभाल भी करनी है।”

यमन में भारतीय नागरिकों की संख्या 2010 में 14000 के आसपास होने का अनुमान था जो देश में राजनीतिक अस्थिरता और हिंसा के कारण जून 2011 में घटकर 5000 रह गया। सना में दूतावास में केवल 3000 के करीब भारतीय ही दर्ज हैं।

यमन में रह रहे भारतीयों में नर्से, अस्पताल कर्मचारी, विश्वविद्यालय के प्रोफेसर, पेशेवर, बेहतर कामगार, आईटी पेशेवर और निजी कंपनियों में प्रबंधकीय एवं लिपकीय कर्मचारी शामिल हैं। इनमें से अधिकांश केरल से हैं, लेकिन कुछ अन्य राज्यों जैसे तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के भी हैं।

केरल में प्रवासी मामलों के मंत्री के. सी. जोसफ ने आईएएनएस को बताया कि वे दिल्ली में विदेश मंत्रालय और यमन एवं जिबूती में भारतीय अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं।

उन्होंने कहा, “सऊदी अरब के अधिकारियों के साथ यमन में अपने विमान को सुरक्षित उतरने और फिर वहां से उनके वायु मार्ग से वापसी सुनिश्चित करने के लिए गतिरोध तोड़ने के कूटनीतिक प्रयास किए जा रहे हैं।”

जोसफ ने कहा, “लेकिन ईरान के अधिकारियों के साथ बातचीत जारी है क्योंकि इसमें उनकी भी अनुमति जरूरी होगी। नर्सो और शिक्षकों के साथ 2500 और केरल के लोग वहां फंसे हैं।”

केरल सरकार ने प्रत्येक को 2,000 रुपये की सहायता राशि दी।

वहां की भयावह स्थिति को याद करते हुए लौटने वाले एक व्यक्ति ने कहा, “यमन में स्थिति दिन ब दिन बिगड़ती जा रही है क्योंकि वहां अंधाधुंध बमबारी हो रही है। जहां हम ठहरे हुए थे वहां से करीब 200 मीटर की दूरी पर बम गिर रहे थे। प्रभावित होने वालों में सबसे ज्यादा बच्चे हैं।”

दूसरे लौटने वाले ने कहा, “संचार भी ध्वस्त हो गया है और इसीलिए भारतीय दूतावास के अधिकारियों के लिए भारतीय नागरिकों के साथ संपर्क कर पाना मुश्किल हो गया है।”

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार केंद्र पर दबाव बनाएगी कि प्रवासी भारतीयों को सुरक्षित स्वदेश लाने के लिए कूटनीतिक बातचीत सुनिश्चित करें।

उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार यमन से वापस आई नर्सो को रोजगार उपलब्ध कराएगी।

जोसफ ने कहा, “2,000 नर्सो को काम दिलाना मुश्किल होगा, लेकिन हमारी सरकार हरसंभव प्रयास करेगी।”

भारत ने पड़ोसी देश बांग्लादेश और श्रीलंका को भी उनके नागरिकों को यमन से वापस लाने में मदद करने के आग्रह को स्वीकार कर लिया है।

इस बीच विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने ट्वीट किया है, “अलग तरह के शहर में.. दूसरा दिन.. समान लक्ष्य। यमन से भारतीय नागरिकों को निकालने का काम जारी। आईएनएस सुमित्रा हुदायदाह में आज रहेगा।”

उन्होंने लिखा है, “यमन के अल हुदायदाह से 300 से ज्यादा भारतीयों को निकाला जाएगा, आज के लिए आईएनएस सुमित्रा को निर्धारित किया गया है।”

यमन से 350 भारतीय घर पहुंचे, भविष्य को लेकर चिंता (लीड-1) Reviewed by on . कोच्चि/मुंबई/नई दिल्ली, 2 अप्रैल (आईएएनएस)। उपद्रवग्रस्त यमन से 350 से ज्यादा भारतीय नागरिकों को वायुमार्ग से सुरक्षित ले आया गया है। गुरुवार को घर वापस लौटे भा कोच्चि/मुंबई/नई दिल्ली, 2 अप्रैल (आईएएनएस)। उपद्रवग्रस्त यमन से 350 से ज्यादा भारतीय नागरिकों को वायुमार्ग से सुरक्षित ले आया गया है। गुरुवार को घर वापस लौटे भा Rating:
scroll to top