Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 रजनीकांत : कुली, कंडक्टर से सुपरस्टार बनने का सफर (12 दिसंबर : जन्मदिन पर विशेष) | dharmpath.com

Monday , 5 May 2025

Home » फीचर » रजनीकांत : कुली, कंडक्टर से सुपरस्टार बनने का सफर (12 दिसंबर : जन्मदिन पर विशेष)

रजनीकांत : कुली, कंडक्टर से सुपरस्टार बनने का सफर (12 दिसंबर : जन्मदिन पर विशेष)

indexनई दिल्ली, 11 दिसम्बर- चलने की खास शैली और संवाद अदायगी के अनोखे अंदाज से लोकप्रियता पाने वाले सुपरस्टार रजनीकांत का नाम सुनते ही दिमाग में बस एक शब्द आता है-‘अजेय’। उनके करियर पर नजर डालें, तो इस पर कोई शक-सुबहा नहीं रह जाता। अभिनय के इस महारथी को उनके प्रशंसक भगवान के रूप में पूजते हैं।

रजनीकांत का जन्म 12 दिसंबर, 1950 को बेंगलुरू में हुआ। उनके बचपन का नाम शिवाजी राव गायकवाड़ है। उनके पिता रामोजी राव गायकवाड़ एक हवलदार थे। मां जीजाबाई की मौत के बाद चार भाई-बहनों में सबसे छोटे रजनीकांत को अहसास हुआ कि घर की माली हालत ठीक नहीं है। बाद में उन्होंने परिवार को सहारा देने के लिए कुली का भी काम किया।

यह अपने आप में प्रेरणादायी है कि कैसे एक बढ़ई और बेंगलुरू परिवहन सेवा (बीटीएस) का एक मामूली बस कंडक्टर भारतीय सिनेमा में सबसे ज्यादा मेहनताना पाने वाला सुपरस्टार बन गया। लेकिन इसके लिए रजनीकांत ने कड़ी मेहनत भी की। अभिनय में दिलचस्पी के चलते उन्होंने 1973 में मद्रास फिल्म संस्थान में दाखिला लिया और अभिनय में डिप्लोमा लिया।

वह उन चुनिंदा अभिनेताओं में से एक हैं, जिनमें शुरुआत से लेकर शोहरत की बुलंदियां छूने तक विनम्रता दिखती है।

रजनीकांत की मुलाकात एक नाटक के मंचन के दौरान फिल्म निर्देशक के. बालाचंदर से हुई थी, जिन्होंने उनके समक्ष उनकी तमिल फिल्म में अभिनय करने का प्रस्ताव रखा। इस तरह उनके करियर की शुरुआत बालाचंदर निर्देशित तमिल फिल्म ‘अपूर्वा रागंगाल’ (1975) से हुई, जिसमें वह खलनायक बने। यह भूमिका यूं तो छोटी थी, लेकिन इसने उन्हें आगे और भूमिकाएं दिलाने में मदद की। इस फिल्म को राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया था।

करियर की शुरुआत में तमिल फिल्मों में खलनायक की भूमिकाएं निभाने के बाद वह धीरे-धीरे एक स्थापित अभिनेता की तरह उभरे। तेलुगू फिल्म ‘छिलाकाम्मा चेप्पिनडी’ (1975) में उन्हें मुख्य अभिनेता की भूमिका मिली। उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। कुछ वर्षो में ही रजनीकांत तमिल सिनेमा के महान सितारे बन गए और तब से सिनेमा जगत में एक प्रतिमान बने हुए हैं।

मितभाषी रजनीकांत ने अन्य देशों की फिल्मों में भी काम किया है, जिनमें अमेरिका की फिल्में भी शामिल हैं। वह उन गिने-चुने सितारों में से हैं, जो मानते हैं कि उनका काम खुद-ब-खुद उनके बारे में बोलेगा।

बॉलीवुड में उन्होंने ‘मेरी अदालत’, ‘जान जॉनी जनार्दन’, ‘भगवान दादा’, ‘दोस्ती दुश्मनी’, ‘इंसाफ कौन करेगा’, ‘असली नकली’, ‘हम’, ‘खून का कर्ज’, ‘क्रांतिकारी’, ‘अंधा कानून’, ‘चालबाज’, ‘इंसानियत का देवता’ जैसी हिंदी फिल्मों से एक खास मुकाम बनाया है।

वर्ष 2014 में रजनीकांत छह तमिलनाडु स्टेट फिल्म अवार्ड्स से नवाजे गए, जिनमें से चार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और दो स्पेशल अवार्ड्स फॉर बेस्ट एक्टर के लिए मिले। वर्ष 2000 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, 45वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (2014) में रजनीकांत को सेंटेनरी अवार्ड फॉर इंडियन फिल्म पर्सनेल्टिी ऑफ द ईयर से सम्मानित किया गया।

रजनीकांत की अगली बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘लिंगा’ है। जिसमें वे दो किरदार निभा रहे हैं। यह 12 दिसंबर यानी उनके जन्मदिन पर ही रिलीज हो रही है।

रजनीकांत : कुली, कंडक्टर से सुपरस्टार बनने का सफर (12 दिसंबर : जन्मदिन पर विशेष) Reviewed by on . नई दिल्ली, 11 दिसम्बर- चलने की खास शैली और संवाद अदायगी के अनोखे अंदाज से लोकप्रियता पाने वाले सुपरस्टार रजनीकांत का नाम सुनते ही दिमाग में बस एक शब्द आता है-'अ नई दिल्ली, 11 दिसम्बर- चलने की खास शैली और संवाद अदायगी के अनोखे अंदाज से लोकप्रियता पाने वाले सुपरस्टार रजनीकांत का नाम सुनते ही दिमाग में बस एक शब्द आता है-'अ Rating:
scroll to top