जयपुर, 9 अप्रैल (आईएएनएस)। राज्य विधानसभा ने गुरुवार को राजस्थान राज्य बस टर्मिनल विकास प्राधिकरण विधेयक, 2015 को ध्वनिमत से पारित कर दिया।
परिवहन मंत्री यूनुस खान ने विधेयक को सदन में विचारार्थ प्रस्तुत किया। विधेयक पर हुई बहस के बाद खान ने कहा कि यात्रियों को अधिकतम आराम और सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए बस टर्मिनलों के निर्माण और उन पर सुविधाओं के विकास, उन्नयन, संधारण एवं प्रबन्धन की आवश्यकता है। इसीलिए राजस्थान राज्य बस टर्मिनल विकास प्राधिकरण का गठन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह विधेयक राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के साथ-साथ पूरी सड़क परिवहन व्यवस्था को मजबूत करने के लिए लाया गया है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के 92 बस अड्डे सहित 225 बस अड्डे किसी न किसी तरह सूचीबद्घ है, इनमें नगर निकायों के 80, पंचायतों के 35 एवं दानदाताओं एवं अन्य प्रकार के कुल 18 बस अड्डे शामिल हंै। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में बस अड्डों पर छाया, पानी, शौचालय आदि सुविधाओं की स्थिति ठीक नहीं है। 45 हजार 496 गांवों में बस स्टैंडों के निर्माण या संधारण के लिए कोई एजेंसी नहीं है।
उन्होंने बताया कि नगर पालिका क्षेत्रों में भी बस स्टैंड तो बना दिए गए हैं लेकिन उनके संधारण के लिए नियम-कायदों का अभाव है। ऐसे में राजस्थान राज्य बस टर्मिनल विकास प्राधिकरण के निर्माण से राज्य सरकार की स्पष्ट मंशा है कि राज्य की जनता को बस टर्मिनलों पर पीने के लिए शुद्घ पानी, बैठने के लिए छायादार जगह और स्वच्छ शौचालय जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।
उन्होंने बताया कि जिस प्रकार हवाई अड्डे पर निजी और सरकारी दोनों प्रकार के विमान संचालित होते हैं, बस टर्मिनलों का भी उपयोग दोनों क्षेत्रों के बस संचालकों द्वारा किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि राज्य में प्रतिदिन करीब 50 लाख यात्री सफर करते हैं। इनमें से 10 से 12 प्रतिशत रेलवे का उपयोग करते हैं एवं शेष यात्री रोडवेज एवं निजी बसों का उपयोग करते हैं। पथ परिवहन निगम की करीब 4,500 बसें राष्ट्रीयकृत राजमार्गो के केवल 12 प्रतिशत पर संचालित हैं जबकि शेष आवश्यकता की पूर्ति 39 हजार से अधिक निजी बसों से होती है। बेहतर परिवहन व्यवस्था के लिए इन सभी का प्रबंधन अपरिहार्य है।