नई दिल्ली, 12 जून (आईएएनएस)। अफ्रीकी महाद्वीप के साथ भारत के रिश्तों को और मजबूत करने के मकसद से राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी रविवार को घाना, आइवरी कोस्ट और नामीबिया के दौरे के लिए रवाना हुए।
नई दिल्ली, 12 जून (आईएएनएस)। अफ्रीकी महाद्वीप के साथ भारत के रिश्तों को और मजबूत करने के मकसद से राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी रविवार को घाना, आइवरी कोस्ट और नामीबिया के दौरे के लिए रवाना हुए।
राष्ट्रपति का दौरा इन देशों के साथ भारत के संबंध को मजबूत करने से है। अफ्रीका के पश्चिमी तट पर स्थित इन देशों के लिए राष्ट्रपति के दौरे की रूपरेखा समारोहों और प्रतीकात्मकता से परे जाकर वास्तविक सहयोग के लिए बनाई गई है।
बतौर वित्त मंत्री, रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री, प्रणव मुखर्जी ने अफ्रीकी देशों के नेताओं के साथ संपर्क बनाया था। अपने इसी अनुभव का इस्तेमाल कर वह अपनी बातचीत के दौरान आर्थिक और सुरक्षा से जुड़े विषयों पर चर्चा करेंगे।
नई दिल्ली में भारत-अफ्रीका मंच शिखर सम्मेलन के आयोजन के एक साल बाद और उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी के उत्तरी अफ्रीकी देशों के दौरे के दस दिनों के बाद मुखर्जी इन देशों का दौरा कर रहे हैं।
व्यापार एवं विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसे पारंपरिक क्षेत्रों में सहयोग के साथ राष्ट्रपति सापेक्षिक रूप से तीन नए संदर्भो सुरक्षा संबंधों, ऊर्जा और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
मुखर्जी पहले घाना में रुकेंगे। वह 14 जून को आइवरी कोस्ट के लिए रवाना होंगे और 15 जून को नामीबिया जाएंगे। राष्ट्रपति 17 जून को स्वदेश के लिए प्रस्थान करेंगे।
खनिज संपन्न अफ्रीका में आधारभूत संरचना के निर्माण और निवेश के क्षेत्र में चीन तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसी के बीच भारत विकासात्मक सहयोग के जरिए यहां तक पहुंच रहा है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थाई सदस्यता और परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) जैसे अन्य निकायों में प्रवेश के लिए समर्थन की दृष्टि से भी राष्ट्रपति के दौरे का महत्व है।
राष्ट्रपति पहले अकरा जाएंगे जहां उप राष्ट्रपति क्वेसी बेको अमिसाह आर्थर उनकी अगवानी करेंगे। घाना की परंपरा के अनुरूप उनका स्वागत किया जाएगा। कुछ समझौते होने की भी उम्मीद है।
भारतीय समुदाय के लोगों द्वारा भारतीय उच्चायोग में आयोजित स्वागत समारोह में शिरकत करने के अलावा राष्ट्रपति संयुक्त व्यापार मंच और घाना विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों को भी संबेाधित करेंगे।
मुखर्जी भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद की ओर से उपहार में दी गई महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण भी करेंगे और कोफी अन्नान उत्कृष्टता संस्थान का दौरा करेंगे।
राष्ट्रपति 14 जून को आबिदजान पहुंचेंगे जहां आइवरी कोस्ट गणराज्य के राष्ट्रपति अलासाने ओउअत्तारा के साथ वह बैठक करेंगे और कई समझौतों पर भी हस्ताक्षर करेंगे।
दौरे के अंत में राष्ट्रपति 15 जून को नामीबिया की राजधानी विंडहोक पहुंचेंगे।
विंडहोक में राष्ट्रपति द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और आपसी हितों के बहुस्तरीय मुद्दों पर बातचीत करेंगे।
नामीबिया दुनिया का चौथा बड़ा यूरेनियम उत्पादक देश है। इसलिए यूरेनियम की आपूर्ति के मुद्दे पर भी बातचीत होगी।
सन 2009 में नामीबिया यूरेनियम बेचने पर सहमत हो गया था, लेकिन परमाणु अप्रसार संधि के अफ्रीकी संस्करण ‘पेलिनडाबा संधि’ का हवाला देकर वह पीछे हट गया था।
पेलिनडाबा संधि अफ्रीका से दुनिया भर में यूरेनियम की आपूर्ति को नियंत्रित करती है।
उपनिवेशवाद के खिलाफ लड़ाई के कारण भारत का घाना और नामीबिया के साथ काफी पुराना संबंध है।
अकरा में मुखर्जी घाना की आजादी के अगुआ और स्वर्गीय जवाहरलाल नेहरू के मित्र क्वामे कुरुमाह और गुटनिरपेक्ष आन्दोलन के अन्य नेताओं के स्मारक पर श्रद्धांजलि देंगे।