ऐशबाग रामलीला समिति के सचिव आदित्य द्विवेदी ने मीडिया से बातचीत में बताया कि रामोत्सव के मंच को इस बार श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के प्रस्तावित मॉडल का स्वरूप दिया गया है। यहां आने वाले दर्शकों को राम जन्मभूमि में मर्यादा पुरुषोत्तम की लीलाएं देखने जैसी अनुभूति होगी। इसके अलावा ‘रामायण’ की घटनाएं सजीव रूप में मंच पर पेश की जाएंगी।
द्विवेदी ने बताया कि मंच की आंतरिक सज्जा एलईडी, लेजर जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से सुसज्जित होगी।
उन्होंेने बताया कि दर्शक गंगाघाट पर केवट-राम संवाद, आकाश में आकाशवाणी व भगवान राम का कौशल्या को दर्शन देना, अहिल्या उद्धार, स्वर्ण हिरन, लक्ष्मण रेखा का बार-बार जलना, सीता हरण, रावण जटायु का आकाशीय युद्ध, पुष्पक विमान का उड़ना, हनुमान जी का समुद्र लांघना, अशोक वाटिया विध्वंस, लंका का जलना, लक्ष्मण शक्ति, हनुमान जी का द्रोणगिरि पर्वत लाना, कुंभकरण का भोजन, सेतु बांध की स्थापना जैसे दृश्य सजीव रूप में देख सकेंगे। रामलीला के अंतर्गत इस बार यह अनोखापन शामिल किया गया है।
द्विवेदी ने बताया कि इस बार भी रावण का पुतला 121 फुट का होगा, इसकी नाभि में 31 बाण जाते दिखेंगे। यह पुतला अबकी बार गोहत्या बंद करने का संदेश देगा।
समिति सचिव ने बताया कि मंगलवार को नवरात्रि प्रारंभ के साथ रामोत्सव की शुरुआत सुबह 11.30 बजे कलश स्थापना से होगी। कार्यक्रम का श्रीगणेश महापौर डा. दिनेश शर्मा करेंगे। वहीं विजयादशमी के दिन मुख्य अतिथि के रुप में राज्यपाल राम नाईक शिरकत करेंगे।
समिति के अध्यक्ष हरिश्चंद्र अग्रवाल ने बताया कि भरत मिलाप शोभायात्रा ऐशबाग रामलीला परिसर से 23 अक्टूबर को निकाली जाएगी। 25 अक्टूबर को कलश विसर्जन, हवन और सभी देवताओं के साथ यह कार्यक्रम समाप्त होगा।