नई दिल्ली, 29 दिसम्बर (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को आदित्य बिरला समूह की कंपनी एस्सेल माइनिंग की एक याचिका खारिज कर दी, जिसमें कंपनी ने ओडिशा सरकार द्वारा लगाए गए 1,800 करोड़ रुपये के जुर्माने को चुकाने के लिए अधिक वक्त की मांग की थी। कंपनी पर यह जुर्माना बिना वन विभाग की मंजूरी प्राप्त किए खनन गतिविधियां चलाने पर लगाया गया था।
नई दिल्ली, 29 दिसम्बर (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को आदित्य बिरला समूह की कंपनी एस्सेल माइनिंग की एक याचिका खारिज कर दी, जिसमें कंपनी ने ओडिशा सरकार द्वारा लगाए गए 1,800 करोड़ रुपये के जुर्माने को चुकाने के लिए अधिक वक्त की मांग की थी। कंपनी पर यह जुर्माना बिना वन विभाग की मंजूरी प्राप्त किए खनन गतिविधियां चलाने पर लगाया गया था।
न्यायाधीश अरुण मिश्रा और न्यायाधीश दीपक गुप्ता की अवकाशकालीन पीठ ने कहा, “याचिका खारिज की जाती है।”
एस्सेल माइनिंग ने अपनी याचिका में जुर्माना अदा करने के लिए 2 जनवरी तक का समय मांगा था और कहा था कि उसे केवल तीन दिन पहले ही ओडिशा सरकार का नोटिस प्राप्त हुआ है, जिसमें कंपनी को 31 दिसंबर तक जुर्माने की रकम अदा करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही जुर्माना अदा नहीं करने पर कंपनी की ओडिशा में खनन गतिविधियों पर रोक लगा दी जाएगी।
शीर्ष अदालत ने अपने साल 2017 के अगस्त में दिए आदेश में वन और पर्यावरण कानूनों के उल्लंघन में लिप्त कंपनी को 31 दिसंबर तक जुर्माना अदा करने का आदेश दिया था तथा संबंधित राज्य सरकार को जुर्माने की रकम को तय करने को कहा था।
एस्सल ने पर्यावरण मंजूरी के उल्लंघन पर 1,000 करोड़ रुपये का जुर्माना चुकाया है।