कोहिमा, 9 सितम्बर (आईएएनएस)। म्यांमार स्थित विद्रोही संगठन, नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल नागालैंड-खापलांग (एनएससीएन-के) यहां बंदूक की नोक पर जबरन स्कूली बच्चों की भर्ती कर रहा है।
असम राइफल्स के प्रवक्ता शैलेश ने यहां कहा, “एनएससीएन-के बंदूक की नोक पर स्कूली बच्चों की भर्ती करने का अभियान लगातार जारी रखे हुए है, क्योंकि शांतिप्रिय नागरिकों ने किसी भी तरह की हिंसा का समर्थन करने से मना कर दिया था।”
अधिकारी ने बताया कि ताजा भर्ती अभियान के तहत नागालैंड के फेक जिले से 15 युवाओं को ब्रिगेडियर कुरिचू के कार्यकर्ता जबरन उठा ले गए।
शैलेश ने बताया, “सबसे युवा विद्यार्थी की उम्र महज 14 साल है। इन युवाओं को सेरा शिविर ले जाया गया है, जहां से उन्हें सैन्य प्रशिक्षण के लिए नगियकचिग शिविर (म्यांमार) भेजा जाएगा।”
शैलेश ने बताया कि एनएससीएन-के का भर्ती अभियान 20 नवंबर, 1989 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा पारित बाल अधिकारों का सीधा उल्लंघन है।
उन्होंने कहा एनएससीएन-के द्वारा की गई इस तरह की कार्रवाई भारतीय संविधान में निहित शिक्षा का अधिकार से बच्चों को रोक रहे हैं।
म्यांमार स्थित एस.एस. खापलांग के नेतृत्व में विद्रोही समूह ने 14 साल के समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद मार्च में केंद्र सरकार के साथ संघर्षविराम रद्द कर दिया था।
संघर्षविराम रद्द किए जाने के बाद विद्रोही समूह ने नागालैंड, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में सुरक्षा बलों के खिलाफ कई हमले किए।