चंडीगढ़, 29 जून (आईएएनएस)। सरकार द्वारा विद्युत क्षेत्र की कुछ सेवाओं के निजीकरण के विरोध में हरियाणा के बिजली कर्मचारी बुधवार को दो दिवसीय हड़ताल पर चले गए।
हरियाणा के मुख्य सचिव डी. एस. धेसी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि राज्य में विद्युत की आपूर्ति सामान्य है और कहीं से बिजली आपूर्ति बाधित होने की सूचना नहीं है।
धेसी ने दावा किया कि केवल 36 प्रतिशत बिजली कर्मी बुधवार को काम पर अनुपस्थित रहे।
हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव (ऊर्जा) राजन गुप्ता ने कहा कि निजी कंपनियों को दिए गए काम के दायरे सीमित हैं और हरियाणा में ऊर्जा क्षेत्र के कर्मचारियों की नौकरियों पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।
मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर की अपील के बावजूद विद्युत कर्मियों के विभिन्न संघों ने सोमवार को अपनी दो दिवसीय हड़ताल को वापस लेने से मना कर दिया था।
कर्मचारियों के प्रतिनिधियों से वार्ता करने के लिए खट्टर ने परिवहन मंत्री कृष्णलाल पंवार की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था।
विद्युत क्षेत्र में नौकरियों की ‘आउटसोर्सिग’ तुरंत समाप्त करने के लिए दबाव बनाने के लिए हरियाणा के विद्युत क्षेत्र के कर्मचारियों के संघों ने 29-30 जून को हड़ताल पर जाने का फैसला किया है।
हड़ताल के आह्वान के मद्देनजर हरियाणा सरकार ने राज्य में छह महीने के लिए आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम (एस्मा) लागू कर दिया है।
सरकार ने हड़ताल के दौरान राज्य में निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सभी उपायुक्तों और पुलिस महानिदेशक को आवश्यक व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।
एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए गए हैं कि असामाजिक तत्व कर्मचारियों को काम करने से नहीं रोक पाएं।
हरियाणा सरकार ने हरियाणा विद्युत प्रसार निगम लिमिटेड, हरियाणा विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड, उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम लिमिटेड और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम लिमिटेड में तत्काल प्रभाव से छह महीने के लिए हड़ताल करने पर रोक लगा दी है।
हड़ताल का आह्वान ऐसे समय किया गया है जब धान की रोपाई का काम जोर-शोर से हो रहा है और खेती के लिए बिजली आपूर्ति जरूरी है।