न्यूयार्क, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)। क्रोध, भावनात्मक रूप से परेशान होने या भारी शारीरिक श्रम करने से हृदयाघात का खतरा काफी बढ़ सकता है। बड़े पैमाने पर किए गए एक अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन में यह चेतावनी दी गई है।
अनुसंधानकर्ताओं ने क्रोध या भावनात्मक रूप से परेशान होने और इसके एक घंटे के अंदर हृदयाघात के लक्षण दिखाई पड़ने के बीच संबंध पाया है। यह पाया गया कि ऐसे में हृदयाघात का खतरा दो गुना अधिक बढ़ जाता है।
अमेरिकी हार्ट एसोसिएशन की पत्रिका ‘सर्कुलेशन’ में छपे अध्ययन के अनुसार, इसी तरह के संबंध पहले हृदयाघात से एक घंटे पहले किए गए भारी शारीरिक श्रम से भी पाए गए हैं।
उन मरीजों में यह खतरा और मजबूत (तीन गुना से अधिक) हो जाता है जो नाराज या भावनात्मक रूप से परेशान होने के साथ-साथ भारी शारीरिक श्रम भी करते हैं।
कनाडा में मैकमास्टर विश्वविद्यालय के जनसंख्या स्वास्थ्य संस्थान के एंड्रयू स्मिथ इस अध्ययन के प्रमुख लेखक हैं। उन्होंने कहा, “पहले के अध्ययनों ने हृदयाघात के इन कारणों पर बात की थी लेकिन उनमें बहुत कम लोगों ने भाग लिया था, यह एक देश में ही किया जाता था और विश्व के कई भागों से आंकड़ों के मामले में इसका दायरा सीमित था।”
स्मिथ ने कहा, “यह पहला अध्ययन है जो विश्व के कई क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें विश्व के अधिकांश बड़े जातीय समूह शामिल हैं।”
अध्ययनकर्ताओं ने कहा कि चरम भावनात्मकता और शारीरिक श्रम से रक्तचाप बढ़ सकता है। हृदय गति बढ़ जाती है और धमनियों में रक्त प्रवाह में बदलाव होने लगता है और हृदय में रक्त की आपूर्ति कम हो जाती है।
स्मिथ ने कहा, “प्लैक के कारण पहले संकीर्ण बनी रक्त धमनियों में यह खास तौर से महत्वपूर्ण है जो रक्त प्रवाह को रोक सकता है, जिससे हृदयाघात होता है।”
उन्होंने कहा कि नियमित शारीरिक गतिविधियों से स्वास्थ्य को कई फायदे होते हैं जिसमें हृदय रोगों की राकथाम भी शामिल है। इसलिए इसे जारी रखना चाहिए। लेकिन, अगर कोई नाराज है या परेशान है और इनसे मुक्ति के लिए व्यायाम करना चाहता है तो उसके लिए सुझाव यही है कि व्यायाम को अधिक खींचा ना जाए, इसे सामान्य रखा जाए।