नई दिल्ली- मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा का परिणाम ‘भारत की हैसियत सिकुड़ कर अमेरिका और उसके वैश्विक रणनीतिक हितों के अधीनस्थ सहयोगी जैसी’ रह जाएगी। माकपा ने अपने मुखपत्र पीपुल्स डेमोक्रेसी में कहा है, “यह उस भारत की स्वतंत्र विदेश नीति के लिए बेहतर नहीं है जिसे अंतर्राष्ट्रीय संबंधों और विश्व के राष्ट्रमंडल में विशेष स्थान मिला हुआ है।”
माकपा ने अपने संपादकीय में कहा है, “अमेरिकी रणनीतिक हितों के लिए बेहतर पड़ोसी रिश्तों की बलि चढ़ाना भारत के हित में अच्छा नहीं होगा।”
इसमें आगे कहा गया है, “इस यात्रा और इसके परिणाम के जरिए भारत के खुद ब खुद अमेरिका द्वारा तैयार एक ध्रुवीय दुनिया में उसी की प्रधानगी में उसका रणनीतिक पिछलग्गू बनने का खतरा पैदा हो गया है।”
“इस त्रासदी की तरफ बढ़ने की अनुमति नहीं दी जाए, यही भारत के हित में होगा।”