वाशिंगटन, 17 जून (आईएएनएस)। अमेरिकी विदेश विभाग के 50 से अधिक अधिकारियों ने सीरिया पर अमेरिकी नीति के खिलाफ एक आंतरिक मेमो पर हस्ताक्षर किए हैं। इन्होंने सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद की सत्ता के खिलाफ हमले की मांग की है। उन्होंने कहा है असद को सत्ता से बेदखल करने से ही आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट की हार होगी।
एक अमेरिकी केबल के मुताबिक वाशिंगटन की मध्य पूर्व नीति पर सीरिया की हिंसा ‘छा गई’ है। इसमें मांग की गई है कि सैन्य हमलों में बढ़ोतरी से ही सीरिया मामले में अमेरिकी कूटनीतिक प्रक्रिया को फायदा होगा।
सीएनएन ने इस मेमो के मसौदे की समीक्षा की है, जिसे अभी तक गोपनीय रखा गया है। पहली बार इस मेमो के बारे में द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने रिपोर्ट प्रकाशित की थी।
यह आतंरिक मेमो ‘असहमति चैनल’ के माध्यम से भेजा गया, जिसे अमेरिकी विदेश विभाग के अधिकारियों के लिए विदेश नीति पर प्रतिशोध के भय के बिना अलग विचार व्यक्त करने के लिए बनाया गया है।
इसकी स्थापना वियतनाम युद्ध के दौरान 1960 में की गई थी ताकि विभाग के वरिष्ठ नेतृत्व को युद्ध की वैकल्पिक नीति के बारे में नए विचार मिल सकें।
इस मेमो पर हस्ताक्षर करने वाले 51 अधिकारियों में से ज्यादातर विदेश सेवा के वे अधिकारी हैं जो वाशिंगटन और देश से बाहर रहते हुए पिछले कुछ सालों में सीरिया संबंधी नीति बनाने में शामिल रहे हैं।
इसमें कोई उच्चस्तरीय नाम शामिल नहीं है। लेकिन, इससे विदेश विभाग में मौजूद एक अलग नजरिया जरूर जाहिर होता है, जिसका मानना है कि कड़ी सैन्य कार्रवाई से ही सीरिया के राष्ट्रपति असद को कूटनीतिक वार्ता के लिए राजी किया जा सकता है।
अमेरीकी विदेश मंत्री जॉन कैरी ने खुद सीरिया में कड़ी सैन्य कार्रवाई की बात कही है, ताकि असद को वार्ता के लिए मजबूर किया जा सके।
इस मेमो से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अधिकारी कुछ समय से इसे भेजने पर विचार कर रहे थे। अंत में उन्होंने इसे आगे बढ़ाने का फैसला तब लिया जब सीरिया में राजनैतिक समाधान के लिए रूस के साथ अमेरिका की वार्ता का कोई नतीजा नहीं निकलता दिखा और नाजुक संघर्ष विराम रह-रह कर भंग होता दिखा।
विदेश विभाग के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने इस मेमो की मौजूदगी को स्वीकार किया, लेकिन यह कहते हुए कोई और टिप्पणी करने से मना कर दिया कि ऐसा करना इस प्रक्रिया के लिए सम्मानजनक नहीं होगा।