नई दिल्ली, 2 अगस्त (आईएएनएस)। आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सहयोगी तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही शून्यकाल के दौरान दो बार स्थगित करनी पड़ी।
तेदेपा की मांग का आंध्र प्रदेश की एक अन्य क्षेत्रीय पार्टी युवजन श्रमिका रायथू कांग्रेस (वाईएसआर कांग्रेस) ने भी समर्थन किया।
लोकसभा की कार्यवाही पहली बार प्रश्नकाल पूरा होने के तुरंत बाद अपराह्न 12.30 बजे तक के लिए स्थगित हुई।
हंगामा जारी रहने पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि वे चर्चा की मंजूरी केवल प्रासंगिक नियमों के तहत तथा इसके लिए पहले नोटिस मिलने के बाद ही देंगी।
इससे पहले, महाजन ने आक्रोशित सदस्यों से बार-बार कहा कि वे सदन में तख्तियां नहीं लहरा सकते हैं और नारेबाजी करने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा।
महाजन ने प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों से कहा, “अपने मुद्दे को शून्यकाल के दौरान उठाइए। आपके आचरण पर मुझे खेद है।”
सदन की कार्यवाही सुबह जैसे ही शुरू हुई, वाईएसआर कांग्रेस के सदस्य अध्यक्ष की आसंदी के निकट इकट्ठा हो गए और तख्तियां लहराते हुए आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करने लगे।
इसके बाद तेदेपा सदस्य बैनर लेकर सदन में दाखिल हुए। तेदेपा के एक सदस्य को अन्य सदस्यों को मांग के समर्थन में आवाज उठाने के लिए कहते देखा गया।
शून्यकाल के दौरान जब नारेबाजी लगातार जारी रही, तब तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि अध्यक्ष को संक्षिप्त चर्चा करानी चाहिए, क्योंकि मुद्दा राज्यों की शक्तियों तथा संविधान की संघीय संरचना के संदर्भ में प्रासंगिक है।
बंदोपाध्याय ने कहा, “मैंने तेदेपा नेताओं से बात की है। हम और बीजू जनता दल (बीजद) के सदस्य भी चर्चा में हिस्सा ले सकते हैं।”
इस बीच, अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही अपराह्न 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
कार्यवाही जब दोबारा शुरू हुई, तो शोरगुल थमता न देख उपाध्यक्ष एम. थंबीदुरई ने सदन की कार्यवाही अपराह्न 12.45 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
इसके बाद, आक्रोशित सदस्यों के हंगामे के बावजूद कार्यवाही फिर शुरू हुई। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सदन की कार्य मंत्रणा समिति को बुधवार को होने वाली अपनी बैठक में आंध्र प्रदेश के सदस्यों द्वारा उठाए गए मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए और चर्चा के बारे में फैसला लेना चाहिए।
उन्होंने अध्यक्ष से इस मुद्दे पर आक्रोशित सदस्यों को कोई भरोसा देने का भी आग्रह किया।
अध्यक्ष ने हालांकि कहा कि आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने के मुद्दे पर कैसे चर्चा हो, इस पर फैसला कल (बुधवार) कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में होगा।
उन्होंने कहा, “हम फैसला केवल कल ले सकते हैं। मैंने सदस्यों से पहले ही अपनी सीट पर बैठने और सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलने देने का आग्रह किया है।”