हैदराबाद/विजयवाड़ा, 14 जनवरी (आईएएनएस)। तेलुगू राज्यों तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के शहरों, गांवों में रविवार को भोगी उल्लास के साथ मनाया गया, जो संक्रांति का पहला दिन है।
हैदराबाद/विजयवाड़ा, 14 जनवरी (आईएएनएस)। तेलुगू राज्यों तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के शहरों, गांवों में रविवार को भोगी उल्लास के साथ मनाया गया, जो संक्रांति का पहला दिन है।
फसलों का यह तीन दिवसीय त्योहार दोनों राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है।
लोगों ने सड़कों पर अलाव या भोगी जलाकर उसमें अनाज और घर के पुराने सामानों को जलाकर इस त्योहार की शुरुआत की।
लोग सड़क किनारे इकट्ठा हो गए और आग जलाया, जिसमें पुराने कपड़ों, दरी, झाड़ू आदि जला दिए। पुरुषों और महिलाओं ने भोगी के पास जाकर प्रार्थना किया, गीत गाया और नृत्य किया। युवाओं को आग के सामने सेल्फी लेते देखा गया।
त्योहार मनाने के लिए हैदराबाद या अन्य शहरों में काम करने वाले लोग बड़ी तादाद में अपने गांवों में लौटे।
त्योहार के मद्देनजर हैदराबाद, विजयवाड़ा और अन्य शहरों से लोगों को लाने के लिए दोनों राज्यों में 40 ट्रेनें और करीब 4,000 विशेष बसें संचालित की गईं।
गावों में त्योहार की रौनक देखने को मिली। महिलाओं ने अपने घर के प्रवेश द्वार पर रंगोली बनाया, जबकि युवा पतंग उड़ाते नजर आए।
घर की सफाई करने के बाद महिलाएं गाय के गोबर के गोले जिसे ‘गोबेम्मा’ कहा जाता है, उसे रंगोली के डिजाइन में रखती हैं। वे नई फसल के चावल, हल्दी और गन्ने को भी रखती हैं।
घरों को गेंदा के फूलों की लड़ी और आम की पत्तियों के वंदनवार से सजाया जाता है।
परिवार मंदिरों में पूजा-अर्चना करने जाते हैं और विभिन्न पकवान विशेष रूप से चावल और दाल से बना पोंगल बनाते हैं। बैलों को भी सजाया जाता है। मुर्गो की लड़ाई, सांडों की लड़ाई और कई ग्रामीण खेलों का भी आयोजन होता है।
अदालत द्वारा मुर्गो की लड़ाई पर रोक लगाने और पुलिस की चेतावनी मिलने के बावजूद कई जगहों खासकर आंध्र के तटीय इलाकों में इस लड़ाई का आयोजन हुआ।
इस खेल पर करोड़ों रुपयों का लेन-देन हुआ क्योंकि हर वर्ग के लोगों, व्यापारियों और यहां तक कि बड़ी हस्तियों ने भी खास नस्ल के मुर्गो के ऊपर दांव लगाया। आयोजक दो मुर्गो के पैरों पर छोटी सी छुरी बांध देते है और इस खेल का अंत एक मुर्गे की मौत के साथ होता है।
दोनों राज्यों के राज्यपाल ई.एस.एल नरसिम्हन, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू और तेलंगाना के उनके समकक्ष के. चंद्रशेखर राव ने लोगों को संक्रांति की बधाई दी।