विजयवाड़ा, 12 जून (आईएएनएस)। कापू नेता और आंध्र प्रदेश के पूर्व मंत्री मुद्राग्दा पद्मनाभन ने रविवार को चौथे दिन भी अपनी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल जारी रखी है।
वह पूर्वी गोदावरी जिले के राजामहेंद्रवरम में एक सरकारी अस्पताल में भूख हड़ताल जारी रखे हुए हैं।
चिकित्सकों ने कहा कि उन्होंने अपने रक्त का नमूना देने या उपचार कराने से इंकार कर दिया है।
पद्मनाभन जनवरी में इसी जिले के तुनी में हुई हिंसक घटनाओं के संबंध में गिरफ्तार किए गए लोगों को रिहा करने की मांग को लेकर अनशन पर बैठे हैं।
कापू समुदाय के लोगों को सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण देने की मांग को लेकर एक आंदोलन का नेतृत्व कर रहे पद्मनाभन ने गुरुवार को अपनी पत्नी सहित किरलामपुदी में अपने आवास पर अनशन शुरू किया था।
नाटकीय घटनाक्रम के बीच पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर उसी दिन राजामहेंद्रवरम में एक अस्पताल में दाखिल करा दिया था।
उनकी पत्नी की बिगड़ती हालत को देखते हुए चिकित्सकों ने उन्हें ग्लूकोज चढ़ाया है।
पद्मनाभन का आरोप है कि सत्तारूढ़ तेलुगूदेशम पार्टी (तेदेपा) जनवरी में तुनी में कापू आंदोलन के दौरान हिंसा की घटनाओं के संबंध में दर्ज किए गए मामले वापस लेने के अपने आश्वासन से पीछे हट गई है।
सरकार द्वारा मामले वापस लेने से इंकार करने के बाद वह भूख हड़ताल पर बैठ गए।
तुनी में कापू समुदाय के विरोध प्रदर्शन ने 31 जनवरी को हिंसक रूप ले लिया था। प्रदर्शनकारियों ने एक यात्री ट्रेन, एक पुलिस थाना, पुलिस और निजी वाहनों को आग लगा दी थी।
कुछ दिन बाद पद्मनाभन ने कापू समुदाय के लिए आरक्षण की मांग करते हुए अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी थी। बाद में उन्होंने राज्य सरकार द्वारा कापू कल्याण और विकास निगम को 1,000 करोड़ रुपये के वार्षिक आवंटन के आश्वासन के बाद अपनी भूख हड़ताल समाप्त कर दी थी।
तेदेपा सरकार ने कहा है कि वह कापू समुदाय को आरक्षण देने का अपना चुनावी वादा पूरा करने पर गंभीरता से काम कर रही है। सरकार ने समुदाय को पिछड़ा वर्ग सूची में शामिल करने के लिए उपयुक्त कदम उठाने के लिए एक समिति गठित की है।
इसी बीच, उप मुख्यमंत्री एन. चिन्नाराजप्पा ने कहा है कि सरकार तुनी की घटनाओं की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने के लिए तैयार है।