नई दिल्ली, 29 जून (आईएएनएस)। भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) महासचिव राजीव मेहता की मानें तो इस साल 5 से 21 अगस्त तक ब्राजील के शहर रियो में होने वाले ओलम्पिक खेलों में भारत को लगभग 15 पदक मिलेंगे।
साल 2012 में लंदन में आयोजित ओलम्पिक के बीते संस्करण में भारत ने कुल छह पदक जीते थे। यह ओलम्पिक इतिहास में किसी एक संस्करण में जीता गया सबसे अधिक पदक है। उससे पहले बीजिंग में उसे तीन, 2004, 2000, 1996 और 1980 में एक-एक पदक जीता था। इसके अलावा भारत को 1976 तथा 1984 से 1992 तक एक भी पदक नहीं मिला था।
वैसे भारत ने अब तक 1900 से 2014 तक कुल 26 पदक जीते हैं। ऐसे में आईओए महासचिव का यह बयान कि भारत रियो में 15 के करीब पदक जीतेगा, काफी हास्यास्पद लगता है।
यहां आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मेहता से जब यह पूछा गया कि उनके मुताबिक किन खेलों में भारत को पदक मिल सकते हैं तो उन्होंने कहा, “सायना नेहवाल को बैडमिंटन, जीतू राय को निशानेबाजी, मुक्केबाजी में विकास कृष्ण, मिश्रित युगल टेनिस में सानिया मिर्जा, पुरुष हॉकी टीम, गोल्फ और कुश्ती में योगेश्वर को पदक मिल सकता है। इसके अलावा तीरंदाजी और एथलेटिक्स में भी हमें पदक मिल सकते हैं। मुझे पूरा यकीन है कि हम अपना लक्ष्य हासिल कर लेंगे।”
लंदन ओलम्पिक में भारत की ओर से 83 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था लेकिन इस बार यह संख्या 100 से ऊपर पहुंच चुकी है। संख्या निश्चित तौर पर बढ़ी है लेकिन पदक के दावेदार कम हुए हैं। मसलन, कुश्ती में सुशील कुमार और मुक्केबाजी में एमसी मैरीकॉम रियो नहीं जा रहे हैं। सुशील ने लंदन में रजत और मैरीकॉम ने कांस्य जीता था।
साल 2012 में भारत के आठ मुक्केबाजों में ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई किया ता लेकिन इस साल सिर्फ तीन मुक्केबाज ही क्वालीफाई कर सके हैं।
इस साल ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई करने वाले पहलवानों की संख्या में भी कम हुई है। भारत मुख्य तौर पर निशानेबाजी, मुक्केबाजी और कुश्ती में पदक की आस रखता आया है। ऐसे में मेहता द्वारा बताई गई संख्या पहुंच से बाहर लगती है।