वांशिगटन, 14 मार्च (आईएएनएस)। पाकिस्तान की एक अदालत की तरफ से मुंबई हमले के मुख्य साजिशकर्ता जकिउर रहमान लखवी की रिहाई के आदेश दिए जाने के बाद अमेरिका ने इस दक्षिण एशियाई देश से अपील की है कि वह इस हमले के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाए जाने के अपने संकल्प पर दृढ़ रहे।
वांशिगटन, 14 मार्च (आईएएनएस)। पाकिस्तान की एक अदालत की तरफ से मुंबई हमले के मुख्य साजिशकर्ता जकिउर रहमान लखवी की रिहाई के आदेश दिए जाने के बाद अमेरिका ने इस दक्षिण एशियाई देश से अपील की है कि वह इस हमले के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाए जाने के अपने संकल्प पर दृढ़ रहे।
विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता जेन साकी ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा, “अमेरिका इस्लामाबाद उच्च न्यायालय द्वारा मुंबई हमले के कथित मुख्य साजिशकर्ता जकिउर रहमान लखवी की हिरासत को समाप्त करने के फैसले पर नजर रखे हुए है।”
उन्होंने कहा, “पाकिस्तान सरकार ने मुंबई हमले के साजिशकर्ताओं, धन देने वालों और इसको प्रायोजित करने वालों को न्याय के कटघरे में लाने का संकल्प लिया था और हम पाकिस्तान से अपील करते हैं कि वह अपनी प्रतिबद्धता पर बरकरार रहे।”
साकी ने कहा, “पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण है।”
उन्होंने कहा कि हालांकि अमेरिका, पाकिस्तान में जारी कानूनी प्रक्रिया के परिणाम को लेकर कोई आकलन नहीं कर सकता, क्योंकि उन्हें ऐसी सूचना है कि लखवी जेल में ही रहेगा।
साकी ने कहा, “फिलहाल वह जेल में है। बेशक, कई तरीकों से हम सूचना साझा करते हैं। मैं मंच पर खड़ी होकर यह नहीं कहने वाली हूं।”
इस्लामाबाद न्यायालय के आदेश का भारत-पाकिस्तान के बीच जारी वार्ता पर क्या असर पड़ेगा? इस पर साकी ने कहा, “निश्चित रूप से, हम मौजूदा बातचीत का समर्थन करते हैं। हम यह नहीं कह सकते कि इससे दोनों देशों की बातचीत पर क्या असर पड़ेगा।”
साकी ने हालांकि, पाकिस्तान की तरफ से समझौता एक्सप्रेस घटना पर कदम न उठाने को लेकर एक भारतीय राजनयिक को भेजे गए सम्मन पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। उन्होंने कहा कि उन्हें इस सम्मन के संबंध में कोई जानकारी नहीं है।
2007 में हुई इस घटना में 50 से अधिक पाकिस्तानी नागरिकों की मौत हो गई थी।
भारत ने शुक्रवार को पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब कर न्यायालय के आदेश के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए विरोध दर्ज किया था। भारत ने इस दौरान कहा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा लखवी को अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी करार दिए जाने के बाद, ऐसे व्यक्ति की रिहाई से होने वाले खतरे से इंकार नहीं किया जा सकता।
लखवी सहित छह अन्य संदिग्धों को फरवरी 2009 से हिरासत में रखा गया है। उस पर नवंबर 2008 में मुंबई हमले की साजिश रचने का आरोप है, जिसमें 166 लोगों की जान चली गई थी, जबकि 600 से अधिक घायल हो गए थे।