मुंबई, 1 दिसम्बर (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख ब्याज दरों और विकास दर के अनुमान में कोई बदलाव नहीं किया है।
आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने मौजूदा वित्तीय वर्ष की पांचवीं मौद्रिक नीति समीक्षा में ब्याज दरों में कोई बदलाव न करने का ऐलान किया। इसके तहत रेपो दर को बिना किसी बदलाव के 6.75 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है।
रिवर्स रेपो दर भी बिना किसी बदलाव के 5.75 प्रतिशत पर बरकरार रही। नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है और यह चार प्रतिशत पर कायम है।
रेपो दर वह दर होती है, जिस पर रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को अल्प अवधि के लिए ऋण देता है, जबकि रिवर्स रेपो दर वह दर होती है, जो रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को लघु अवधि के लिए जमा राशि पर ब्याज के रूप में देता है।
इसके साथ ही सांविधिक तरलता अनुपात (एसएलआर) में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है।
आरबीआई ने वर्ष 2015-16 के लिए विकास दर का अनुमान 7.4 प्रतिशत पर कायम रखा है।
बैंक ने साथ ही कहा कि जनवरी 2016 के लिए छह फीसदी महंगाई दर का लक्ष्य भी हासिल करने के दायरे में है और यह उससे कम भी रह सकती है।
आरबीआई की घोषणा के तुरंत बाद बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी में गिरावट दर्ज की गई, लेकिन इसके बाद निवेशकों ने यह महसूस किया कि घोषणा उनकी उम्मीदों के अनुरूप ही है।
राजन ने आर्थिक स्थिति पर टिप्पणी करते हुए कहा, “हम एक ऐसी अर्थव्यवस्था को देख रहे हैं, जो दुरुस्त है और उसमें प्रगति हो रही है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में चिंता भी बनी हुई है।”
उन्होंने कहा कि जनवरी के बाद से रिजर्व बैंक ने रेपो दर में 125 आधार अंकों की कटौती की है और इसका आधा से भी कम वाणिज्यिक बैंकों द्वारा ग्राहकों को स्थानांतरित किया गया है।
राजन ने कहा, “औसत आधार ऋण दर में सिर्फ 60 आधार अंकों की कटौती की गई है।”
राजन ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि मौद्रिक नीति में सख्ती लाने की कोई योजना नहीं है।
राजन ने कहा, “हमारी नीति अब भी उदार है। लेकिन हम सतर्क भी हैं।”
देश के उद्योगपतियों ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा प्रमुख दरों को यथावत रखने के फैसले को उम्मीद के अनुरूप बताया है।
भारतीय उद्योग परिसंघ के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने यहां एक बयान में कहा, “आरबीआई का यथास्थिति का फैसला उम्मीद के अनुरूप है, क्योंकि पिछली समीक्षा में दरों में 50 आधार अंकों की कटौती की गई थी।”
उन्होंने कहा, “मुख्य ध्यान अब इन कटौतियों के मुताबिक वाणिज्यिक बैंकों की दरों में कटौती करने पर है। परिसंघ को खुशी है कि आरबीआई उदार नीति को जारी रखना चाहता है।”
आईसीआईसीआई बैंक की मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर ने कहा, “जैसा कि अभी तक की मौद्रिक नीति का असर दिख रहा है, वाणिज्यिक बैंकों की ब्याज दर में गिरावट जारी रहने का अनुमान है।”
उन्होंने कहा, “आरबीआई ने वित्तीय घाटा कम करने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता में विश्वास जताया है।”
भारतीय स्टेट बैंक की अध्यक्ष अरुं धती भट्टाचार्य ने कहा, “गवर्नर द्वारा उदार नीति जारी रखने का संकेत देने से अर्थव्यवस्था में सकारात्मक संकेत गया है।”
अमेरिकी रेटिंग कंपनी फिच की भारतीय सहायक कंपनी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (आईआरआर) ने भी कहा कि आरबीआई का फैसला उम्मीद के अनुरूप है।
आईआरआर के मुख्य अर्थशास्त्री सुनील सिन्हा ने कहा, “पिछली समीक्षा में कटौती कर आरबीआई ने यह संकेत दे दिया था कि निकट भविष्य में वह और कटौती नहीं करने वाली है।”