कोलकाता, 24 फरवरी (आईएएनएस)। सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी कोल इंडिया (सीआईएल) ने मंगलवार को केंद्रीय इस्पात मंत्रालय के साथ एक निजी संयुक्त उपक्रम से बाहर निकलने का फैसला किया है। कंपनी ने इस निर्णय के लिए अपने हितों और उद्देश्यों के टकराव का हवाला दिया।
कोल इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, “इंटरनेशनल कोल वेंचर्स (आईसीवीपीएल) से बाहर निकलने का मुद्दा पिछले दो से ढाई वर्षो से चल रहा है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में हमारी जरूरतें पूरा करने के लिए कोल विदेश के नाम से हमारी एक इकाई है। इस वजह से संयुक्त उपक्रम के उद्देश्य का हमारे हितों के साथ टकराव हो रहा था। इसलिए हमने इस संयुक्त उपक्रम से बाहर निकलने का फैसला किया।”
कंपनी ने इससे पहले मंगलवार को स्टॉक एक्सचेंज को इसके बारे में सूचित कर दिया था।
कंपनी द्वारा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी के मुताबिक, “सीआईएल बोर्ड ने 13 फरवरी को आयोजित अपनी बैठक में फैसला किया था कि सीआईएल को आईसीवीपीएल से बाहर निकल जाना चाहिए।”
सीआईएल के वरिष्ठ अधिकारी ने यह भी बताया कि लक्षित कोयले की किस्मों को लेकर भी विवाद रहा है।
उन्होंने कहा, “आईसीवीपीएल का पूरा ध्यान धातुकर्म और कोकिंग कोयले पर था, जो हमारे उद्देश्यों के विपरीत था।”
आईसीवीपीएल में सीआईएल की 28 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जिससे वह बाहर निकलना चाहती है।
सीआईएल के भविष्य के बारे में पूछने पर अधिकारी ने कहा, “हमारे द्वारा निवेश की गई सारी पूंजी आईसीवीपीएल को लौटानी होगी।”
आईसीवीपीएल की वेबसाइट के मुताबिक, “आईसीवीएल की शुरुआती अधिकृत पूंजी 10,000 करोड़ रुपये तक है। कंपनी के सदस्यों ने निवेश अवसरों के आधार पर शुरुआती शेयर पूंजी 3,500 करोड़ रुपये एकत्रित की है।”
विदेशों में धातुकर्म कोयला और थर्मल कोयला परिसंपत्तियों को सुरक्षित रखने के उद्देश्य के साथ कोल इंडिया का अग्रणी सरकारी कंपनियों के साथ समझौता हुआ है। कंपनी ने 2019-2020 तक लगभग 50 करोड़ टन शुद्ध कोयले आरक्षित रखने का लक्ष्य रखा है।
कोल इंडिया की स्थापना 2009 में हुई थी। कोल इंडिया के संयुक्त उपक्रम में भारतीय इस्पात प्राधिकरण, कोल इंडिया, एनटीपीसी, राष्ट्रीय खनिज विकास निगम और राष्ट्रीय इस्पात निगम जैसी नवरत्न कंपनियां शामिल हैं।
कोल इंडिया को औपचारिक रूप से नवरत्न का दर्जा प्राप्त हुए बिना ही मौजूदा नवरत्न कंपनियों के मुताबिक ही स्वायत्ता और स्वतंत्रता प्राप्त है।