नई दिल्ली, 20 अक्टूबर (आईएएनएस)। इस बार दुर्गा पूजा के अवसर पर यमुना कम प्रदूषित होगी। दिल्ली की पूजा समीतियों ने इस बात का खास ख्याल रखा है कि देवी दुर्गा की मूर्तियां पर्यावरण अनुकूल सामग्री से बनाई गई हों।
नई दिल्ली, 20 अक्टूबर (आईएएनएस)। इस बार दुर्गा पूजा के अवसर पर यमुना कम प्रदूषित होगी। दिल्ली की पूजा समीतियों ने इस बात का खास ख्याल रखा है कि देवी दुर्गा की मूर्तियां पर्यावरण अनुकूल सामग्री से बनाई गई हों।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश पर की गई पहल के अनुसार, गैर जैव निम्नीकरणीय सामग्री से निर्मित मूर्तियों को विसर्जित करने पर रोक लगा दी गई है।
दुर्गा पूजा समीतियों का कहना है कि उन्हें एनजीटी के इस आदेश की जानकारी है।
दिल्ली के सीआर पार्क मेला मैदान दुर्गा पूजा समिति के सचिव शेखर गुहा ने आईएएनएस को बताया, “हमारी मूर्तियां प्रकृतिक रंगों से निर्मित हैं जो कि पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचातीं।”
गुहा ने कहा कि पूजा समीतियों ने मूर्तिकारों को मूर्तियां निर्मित करने के लिए रसायनों, पेंट, ग्लिटर और प्लास्टिक का इस्तेमाल न करने का निर्देश दिया है, क्योंकि ये चीजें पानी में घुलनशील नहीं होतीं।
एनजीटी ने सितंबर में गैर जैव निम्नीकरणीय सामग्री से निर्मित मूर्तियों के विसर्जन पर रोक लगा दी थी।
गुहा ने कहा, “कुछ आयोजकों ने छोटी मूर्तियों के विसर्जन के लिए पंडालों के नजदीक ही छोटे तालाब निर्मित किए हैं।”
दक्षिण दिल्ली दुर्गा पूजा संयुक्त जुलूस समीति के उपाध्यक्ष प्रदीप मजूमदार ने बताया कि एनजीटी के आदेश के अनुसार, यमुना के कालिंदी कुंज घाट के साथ क्रेनें लगाई जाएंगी, ताकि विसर्जन के तुरंत बाद ही मूर्तियों को निकाला जा सके।
दिल्ली शहर में बंगाली समुदाय की बड़ी आबादी भी रहती है। यहां हर वर्ष सैकड़ों जगह दुर्गा पूजा का आयोजन किया जाता है और हर वर्ष यमुना में हजारों की संख्या में मूर्तियां विसर्जित की जाती हैं।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, “दुर्गा पूजा के कारण यमुना में प्रदूषण का स्तर न बढ़े, इसके लिए हम पर्याप्त उपाय कर रहे हैं।”