पटना, 18 नवंबर (आईएएनएस)। लोक आस्था का महापर्व छठ बुधवार की सुबह उदीयमान सूर्य को अघ्र्य देने के साथ ही संपन्न हो गया। चार दिवसीय अनुष्ठान के चौथे दिन बुधवार को व्रतियों ने उगते भगवान सूर्य को अघ्र्य दिया और अन्न जल ग्रहण कर ‘पारण’ किया।
पटना सहित पूरे बिहार में लाखों श्रद्घालुओं ने बुधवार को गंगा तट से लेकर विभिन्न जलाशयों के किनारे उदीयमान सूर्य को अघ्र्य दिया और भगवान भास्कर की पूजा-अर्चना की।
छठ पर्व को लेकर पिछले चार दिनों तक पूरा बिहार भक्तिमय रहा। मोहल्लों से लेकर गंगा तटों तक छठ पूजा के पारंपरिक गीत गूंजते रहे। राजधानी पटना की सभी सड़कें दुल्हन की तरह सजी रहीं। इसके तहत मुख्य सड़कों से लेकर गलियों तक की सफाई की गई।
इस अवसर पर राज्यभर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। गंगा के तटों से लेकर जलाशयों के घाटों पर अभूतपूर्व सुरक्षा के इंतजाम देखे गए।
पटना में कई पूजा समितियों द्वारा भगवान भास्कर की मूर्ति स्थापित की गई। कई स्थानों पर तोरण द्वार लगाए गए, तो कई जगह लाइटिंग की व्यवस्था की गई।
मुजफ्फरपुर, सासाराम, मुंगेर, खगड़िया, भागलपुर, बेतिया, मोतिहारी सहित सभी जिलों में लोग चार दिनों तक छठ पर्व की भक्ति में डूबे रहे। औरंगाबाद के प्रसिद्घ देव सूर्य मंदिर परिसर में लाखों श्रद्घालु छठ पर्व मनाने पहुंचे थे।
उल्लेखनीय है कि रविवार को नहाय-खाय के साथ लोक आस्था का यह महापर्व प्रारंभ हुआ था।