गिरोह का पदार्फाश करते हुए पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया। इन जालसाजों पर गैंगस्टर एक्ट की भी कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस ने बताया कि पकड़े गए बदमाश गार्ड रहित एटीएम मशीन के कैंसिल बटन में फेवी क्विक डालकर उसे जाम कर देते थे। लोग ट्रांजेक्शन करने के बाद कैंसिल बटन दबाकर निकल जाते थे, लेकिन बटन जाम होने के कारण प्रोसेस कैंसिल नहीं हो पाता था। जालसाज तुरंत उस अकाउंट से पैसे की निकासी कर लेते थे। इसके अलावा ये मशीन को हैंग करके भी रुपये निकाल लेते थे।
ये जालसाज लोगों का एटीएम कार्ड बदलकर भी उन्हें चूना लगाते थे और कई बार असलहा के बल पर डरा-धमका कर भी पैसे निकलवा लेते थे।
जालसाजों ने पिछले दिनों भदोही में यूको बैंक तथा गत 21 अगस्त को ज्ञानपुर के एसबीआई समेत जिले के अन्य क्षेत्रों के बैंकों के एटीएम से पैसा उड़ाने की बात कबूल की है। गिरोह का मास्टरमाइंड प्रदीप कुमार हरिजन ज्ञानपुर कोतवाली क्षेत्र के गोपीपुर का निवासी है। उसके साथ सुंदरपुर का विकास मिश्रा, चकटोडर का नीरज तिवारी, गोपीगंज थाना क्षेत्र के भावसिंहपुर गांव का ऋषु कुमार गौतम, चकसुंदर निवासी विवेक पांडेय तथा खेमईपुर निवासी गौरव तिवारी शामिल हैं।
गिरोह के सरगना प्रदीप के पिता रघुनाथ उर्फ पप्पू मिस्त्री ने पूछताछ के दौरान बरामद रकम को अपनी कमाई बताया। लेकिन बाद में उसने और उसके बेटे ने अपराध कबूला और बताया कि इस तरह की अवैध कमाई का जो भी पैसा आता था, गिरोह के सदस्य उसी के घर में रखते थे। मामला रफा-दफा हो जाने पर आपस में बांट लिया जाता था।