यहां से भदंत एबी ज्ञानेश्वर की उपस्थिति में कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, विधायक रजनीकांत मणि त्रिपाठी, म्यांमार के राजदूत मोये यो अंग और डीएम डॉ. अनिल कुमार सिंह ने धम्म ध्वज दिखाकर शोभायात्रा को रवाना किया।
प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी कुशीनगर में बुद्ध पूर्णिमा को लेकर जोरदार तैयारियां हुई थीं। समारोह में आए सभी अतिथियों ने कहा कि बौद्ध धर्म करुणा, मैत्री और शांति का मार्ग प्रशस्त करता है। इसको अपनाकर जीवन को सुखमय बनाया जा सकता है। आज दिन-प्रतिदिन इसकी प्रासंगिकता बढ़ती ही जा रही है। बुद्ध के संदेश आज कई देशों में तेजी के साथ बढ़ रहे हैं, जिसको अपनाकर लोग विश्व में शांति की स्थापना कर रहे हैं। लेकिन भारत, जहां बुद्ध ने जन्म लिया और बौद्ध धर्म की उत्पत्ति हुए वहां लोग मंदिर-मस्जिद के झगड़ों में उलझे हुए हैं।
इस शोभायात्रा का जुलूस कुशीनगर से कसया, गांधी चौक, ओवरब्रिज, रामाभार स्तूप, थाई मंदिर होते हुए झुंगवा, सुखारी छपरा के बाद म्यांमार बुद्ध मंदिर के सभा मंडप में पहुंचकर समाप्त हुआ।
इससे पहले मुख्य मंदिर में विशेष पूजा की गई। जुलूस का जगह-जगह स्वागत किया गया। कई जगहों पर शीतल पेयजल और शर्बत पिलाने की व्यवस्था की गई थी। जुलूस के साथ लोक कलाकारों द्वारा संगीत की धुन पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। सुरक्षा के कड़े व्यवस्था की गई थी।