लखनऊ, 17 मई (आईएएनएस)। बिजली संकट से जूझ रहे उत्तर प्रदेश में बिना बांध के बिजली बनाने की कवायद तेज हो गई है। अलीगढ़ के शाहीन अहमद और उनके साथियों ने मिलकर एक ऐसी इको फ्रेंडली मशीन बनाई है, जो हल्के जल प्रवाह में भी कम खर्च में अधिक बिजली पैदा कर सकती है।
लखनऊ, 17 मई (आईएएनएस)। बिजली संकट से जूझ रहे उत्तर प्रदेश में बिना बांध के बिजली बनाने की कवायद तेज हो गई है। अलीगढ़ के शाहीन अहमद और उनके साथियों ने मिलकर एक ऐसी इको फ्रेंडली मशीन बनाई है, जो हल्के जल प्रवाह में भी कम खर्च में अधिक बिजली पैदा कर सकती है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी इस परियोजना को मौखिक सहमति दे चुके हैं। बाकी औपचारिकता पूरी होते ही बुलंदशहर में इस तरह का पहला अनोखा पावर प्लांट लग जाएगा।
बिजली पैदा करने वाली नई तकनीक के ईजादकर्ता व ऑलमाइटी हाइड्रोपावर कंपनी के प्रबंध निदेशक शाहीन अहमद ने आईएएनएस के साथ विशेष बातचीत में यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि एक समझौते के तहत प्रदेश सरकार उनकी कंपनी को बुलंदशहर के खुर्जा में पालरा झाल स्थित बंद पड़े पावर प्लांट को देगी, जिसमें ऑलमाइटी हाइड्रोपावर कंपनी अपनी पहली यूनिट लगाएगी।
शाहीन ने बताया कि उप्र के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व कैबिनेट मंत्री आजम खां जल्द ही इस पावर प्लांट का शिलान्यास करेंगे।
शाहीन का दावा है कि उनके इस अजूबे पनबिजली घर में मात्र दो रुपये प्रति यूनिट बिजली मिलेगी। इस तकनीक से बिजली पैदा करने में किसी बड़े बांध की भी जरूरत नहीं पड़ेगी, बल्कि उनके द्वारा बनाए गए हाइड्रो टरबाइन में पानी की कुछ बूंदों से ही बिजली बनने लगेगी।
उन्होंने कहा कि उप्र में गंगा और यमुना नदियों के जल से बगैर किसी प्रदूषण के पर्याप्त बिजली पैदा की जा सकती है। उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके द्वारा बनाए गए टरबाइन से किसी जीव-जंतु को भी कोई हानि या नुकसान नहीं पहुंचेगा।
अलीगढ़ निवासी शाहीन ने अपने घर में भी एक बिजलीघर बनाया है, जिसका कई तकनीकी टीमों द्वारा निरीक्षण किया जा चुका है। शाहीन ने बताया कि बिना बांध के बिजली बनाने की तकनीक को ईजाद करने में उन्हें लगभग सात साल लग गए।
शाहीन के मुताबिक, पिछले पांच साल से वह इस तकनीक को सरकारी संरक्षण दिलाने के प्रयास में केंद्र और प्रदेश की सरकारों का चक्कर लगा रहे थे। इसी बीच इलाहाबाद कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक प्रो. मोहम्मद कलीम से उनकी मुलाकात हुई।
शाहीन के मुताबिक, डॉ. कलीम ने परियोजना को जब देखा तो उन्होंने इसकी सार्थकता के बारे में मंत्री आजम खां को बताया। फिर आजम खां ने जब स्वयं अलीगढ़ जाकर इस अनोखे प्रोजेक्ट को देखा तो शाहीन के सपने को पंख लग गए।
शाहीन को उम्मीद है कि जल्द ही राज्य सरकार से उन्हें अपना प्रोजेक्ट लगाने के लिए हरी झंडी मिल जाएगी। इस तकनीक को ईजाद करने में शाहीन को मोअज्जम अली, असलम कादिर, फैसल सिद्दीकी और फिरोज जिया खान जैसे इंजीनियरों का पूरा सहयोग मिला।